हमारा पहला अद्भुत और अकल्पनीय अनुभव है पाड्कास्ट
इंटरनेट का इन्द्रजाल समझना बहुत ही मुश्किल है। इंटर नेट पर जहां तक आप सोच सकते हैं आप उससे कहीं आगे जा सकते हैं। इसके साथ ही साथ ब्लाग ने तो धूम मचा दी है। कल तक अखबारों में पत्र संपादक के नाम में अपनी भावनाएं प्रकाशित करवाने के लिए हमें संपादक के रहमो करम पर ही निर्भर रहना पडता था। आज ब्लाग इससे काफी आगे निकल चुका है। ब्लाग पर आप जो चाहे जैसा चाहें प्रकाशित करवा सकते हैं।
ब्लाग में ही नई विधा पाड्कास्ट का आगाज हो चुका है। हमने सुना ही था कि अचानक गिरीश बिल्लोरे जी से पिछले शुक्रवार हमारी वीडियो चेट हो गई उन्होंने हमसे एक साक्षात्कार चाहा। समय तय हुआ शनिवार का, पर शनिवार को हम दिल्ली से भोपाल के लिए निकल रहे थे सो चर्चा न हो सकी। रविवार भी बीत गया। हम भूल चुके थे इस वार्तालाप को।
सोमवार की रात लगभग साढे दस बजे बिल्लोरे जी ऑन लाईन थे, जी टॉक पर। बिल्लोरे जी ने कहा कि तब साक्षात्कार सम्भव है। हमने सहमति दे दी। विषय था विज्ञापनों में अश्लीलता। हो गई चर्चा आरम्भ लगभग एक घंटा कैसे बीत गया पता ही नहीं चला। आज सुबह जब हमने ब्लाग पर अपने आप को सुना तो यह अनुभव निश्चित तौर पर अकल्पनीय ही था। आप सभी से अनुरोध है कि इस लिंक पर िक्लक करके आप पाड्कास्ट को सन सकते हैं, और बिल्लोरे जी से अगर संपर्क करना चाहें तो उनका मेल आई डी भी नीचे सहज सुलभ सन्दर्भ के लिए प्रस्तुत है।
गिरीश बिल्लोरे जी ने हमें यह लिंक भेजा था
लिमटी खरे जी से सुनिये उनकी अपनी बात यहां=>
यदि आप भी दिल की बात कहना चाहतें तो कीजिये मेरे आई डी पर बस एक मेल girishbillore@gmail.com
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बढ़िया है...
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"पाखी की दुनिया" में इस बार पोर्टब्लेयर के खूबसूरत म्यूजियम की सैर
बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
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