यह पोस्ट श्री नवीन तिवारी विरचित है। इसका संपूर्ण श्रेय उन्हीं को है। आप इनसे विश्व पुस्तक मेले में पेंग्विन स्टाल पर अवश्य मिले होंगे।
महिला दिवस मुझे महिलाओं को दिया एक झुनझुना प्रतीत होता है।
मैं कुछ खबरें जो मैंने महिला दिवस से एक दिन पहले, देखी या पढी बता देता हूँ -
1- पूर्वनियोजित थी रुचिका से छेड़छाड़:-
http://www.24dunia.com/hindi-
2- सरकार में महिला उत्पीड़न चरम पर पहुंच गई है - http://upnewslive.com/?p=5130
3- छत्तीसगढ़: आईएएस अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में जांच-
http://www.merikhabar.com/News
4- ये बाबा की डायरी है या कोठेवाली का रजिस्टर! - सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में पकड़े गए इच्छाधारी बाबा भीमानंद की डायरी-
http://khabar.josh18.com/news/
5- खूब दिखावा, बहुत दहेज- http://www.24dunia.com/hindi-
उपर दी गयी खबरें पढ़कर खुद ही निर्णय लीजिये, क्या सिर्फ कन्या जानकर भ्रूण हत्या उचित है या पति के किये गये की सजा उसकी पत्नि को देना उचित। अगर इन बातों को अनुचित कहने में आपको लगता है कि आपकी मूँछ नीची हो जायेगी तो उस मूँछ को ही कटवा दीजिये क्योंकि पुरानी कहावत है “ना रहेगा बाँस ना बजेगी बाँसुरी” ;)।
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों से संबंधित ऐसा ही कोई विचार, कहानी या रोचक तथ्य आपके पास भी है तो उसे दुनिया साथ बांटिए ।फिर मिलते हैं इसी नुक्कड़ पर
जो महिलाओं का सम्मान करते हैं उन्हें एक विशेष दिवस की आवश्यकता नहीं ....जो सम्मान ही नहीं करते उन्हें भी किसी दिवस की जरुरत नहीं ....
जवाब देंहटाएंमहिलाओं के प्रति आपके सम्मान का आभार .....!!
मुंशी प्रेमचद ने लिखा है...
जवाब देंहटाएंजिस पुरुष में नारी के गुण आ जाते हैं वो खुद महान हो जाता है...
जय हिंद...
हिंदी ब्लोग्गेर्स क्या करेंगी? हिंदी दिवस उनके लिए नहीं है अगर वे ब्लॉगर हैं तो इस हद तक आने के लिए वे महिला दिवस का मोहताज नहीं हैं. यह तो है उन महिलाओं के लिए है, जिन्हें उनके जीवन ने जीने का वो हक़ नहीं दिया है जिसकी वे हक़दार है. महिला ब्लोग्गेर्स तो सिर्फ उनके मुद्दों को आपके सामने रख सकती हैं. कभी वो बहुत बुरे तरीके से गालियों से नवाजी जाती हैं और कभी कोई उन्हें प्रस्तुति की सत्यता के लिए आभार प्रकट कर देता है.
जवाब देंहटाएंमहिलाओं के प्रति आपके सम्मान का आभार
जवाब देंहटाएंहमारे पास कई झुनझुने हैं। यह भी सही।
जवाब देंहटाएंलेख के लिए आभार।
घुघूती बासूती
ghughuti jee shaee kahtee hain.....aapke nazariye achchha laga
जवाब देंहटाएंइस तरह की ख़बरें न बने , इसीलिए मनाया जाता है , महिला दिवस।
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