हिन्दी ब्लॉगिंग में उत्सवीय माहौल का श्रीगणेश। एक स्वस्थ शुरूआत।
पहला चरण
और घोषणा हो गई
सौ पोस्टों की सीमा भी टूटी और प्रायोजक भी मिले
हिन्दी ब्लॉगिंग में उत्सवीय परिकल्पना से रविन्द्र प्रभात जी ने अपने नाम को सार्थक किया है। मैं अकेला ही नहीं कह रहा हूं, आप सभी की वाणी है यह। आप उपर दिए गए लिंकों पर क्लिक करके सब जान सकते हैं।
इस उत्सव में अपनी संपूर्ण रचनात्मकता और सकारात्मकता के साथ शामिल होइये और 'अनेक ब्लॉग नेक हृदय' नारे को चरितार्थ कीजिए। हिन्दी ब्लॉगिंग को सार्थक ऊंचाईयां देने का रविन्द्र प्रभात जी का उपक्रम एक मौलिक चिंतन की अभिव्यक्ति है। आइये सब एकजुट हो सफलता के लिए जुट जाएं।
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सौ पोस्टों की सीमा भी टूटी और प्रायोजक भी मिले
हिन्दी ब्लॉगिंग में उत्सवीय परिकल्पना से रविन्द्र प्रभात जी ने अपने नाम को सार्थक किया है। मैं अकेला ही नहीं कह रहा हूं, आप सभी की वाणी है यह। आप उपर दिए गए लिंकों पर क्लिक करके सब जान सकते हैं।
इस उत्सव में अपनी संपूर्ण रचनात्मकता और सकारात्मकता के साथ शामिल होइये और 'अनेक ब्लॉग नेक हृदय' नारे को चरितार्थ कीजिए। हिन्दी ब्लॉगिंग को सार्थक ऊंचाईयां देने का रविन्द्र प्रभात जी का उपक्रम एक मौलिक चिंतन की अभिव्यक्ति है। आइये सब एकजुट हो सफलता के लिए जुट जाएं।
सही दिशा में एक जुट हैं.
जवाब देंहटाएंरवींद्र जी को बधाई
जवाब देंहटाएंएकजुट तो हैं ही .. सबों को शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंरविन्द्र जी के सतत प्रयासों को मिली कामयाबी के लिए बधाई । हम सब एक हैं और एक रहेंगे ।
जवाब देंहटाएंक्या जबरदस्त सेनानी है भइया. जब ऐसे लोग सेनानी गिने जा रहे हैं तो गिनने वालों की क्या क्वालिटी होगी.
जवाब देंहटाएंनाईस जी नाईस, सब को बधाई जी फ़िर से नाईस
जवाब देंहटाएंसब को बधाई...! अविनाश जी।
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