-डॉ० तुकाराम वर्मा
अस्त्र - शस्त्र निर्माण का, यही मूल आधार।
स्वार्थ हेतु पर प्राण पर, कैसे करें प्रहार।।
चीख-चीख कर कह रहा, अब तक का इतिहास।
अस्त्रों - शस्त्रों ने किया, बाधित विश्व विकास।।
अणु - आयुध की मार से, होगा सर्व विनाश।
निर्जन धरती देख कर, रोएगा आकाश।।
अस्त्र - शस्त्र धारी कभी, कहीं न पाएं चैन।
किन्तु शास्त्र ज्ञाता करे, सुख अनुभव दिन-रैन।।
अस्त्र शक्ति से शब्द का, क्षमता क्षेत्र महान।
हरे अस्त्र हर प्राण को, शब्द करे कल्याण।।
ई-1/2, अलीगंज, हाउसिंग स्कीम, सेक्टर-बी
लखनऊ-226024
सचलभाष-09936258819
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अणु - आयुध की मार से, होगा सर्व विनाश।
जवाब देंहटाएंनिर्जन धरती देख कर, रोएगा आकाश।।
बहुत ही सटीक ओर सत्य कहा आप ने अपनी इस रचना मै
तीसरे विश्वयुद्ध के बाद सब ठीक हो जाएगा (क्योंकि तब अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग करने वाला ही कोई न होगा)
जवाब देंहटाएंअणु - आयुध की मार से, होगा सर्व विनाश।
जवाब देंहटाएंनिर्जन धरती देख कर, रोएगा आकाश।।
विचारोत्तेजक! यथार्थ लेखन।
aap ke dohe bahut achche lage..
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