नक्सलवादी, आतंकवादी और भगत सिंह - राजीव रंजन प्रसाद

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  • राजीव रंजन प्रसाद
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  • कुहु बिटिया अब हाथी-घोडे की कहानियों से आगे आ गयी है, क्यों न हो वह अब कक्षा दूसरी में जो जाने वाली है। आज मैंने भगत सिंह से उसका परिचय कराया।

    “बेटा भगत सिंह नें संसद के भीतर बम और आजादी के पर्चे फेंके” मैं कहानी सुना रहा था।

    ”लेकिन पापा बम क्यों फेंका इससे तो कितने लोग मर गये होंगे न?” कुहू नें बहुत मासूम सवाल किया।

    ”नहीं बेटा वो क्रांतिकारी थे, उनका मक्सद किसी को मारना नहीं था। बस जैसे पटाखे जोर से आवाज करते हैं न वैसी ही आवाज वो संसद के भीतर पैदा कर के अपनी माँगों की तरफ कानून बनाने वाले लोगों का ध्यान खींचना चाहते थे”।

    “फिर क्या हुआ पापा”

    ”बेटा अंग्रेजों को उनका यह कदम इतना गुस्से से भर गया कि उन्होंने भगत सिंह को फाँसी पर लट्का दिया?”

    “पर पापा फिर बम फेंक कर आवाज करने से तो कोई फायदा नहीं हुआ?”

    ”बेटा यह आवाज बहुत असर करने वाली थी, इससे पूरे देश में जोश और क्रांति की लहर दौड गयी। इतना विरोध बढ गया कि अंग्रेजों को भारत छोड कर जाना पडा, इस तरह अपना बलिदान दे कर इस क्रांतिकारी नें असंभव काम कर दिखाया”

    ”पापा तब तो नक्सलवादी क्रांतिकारी नहीं होते न” कुहू नें अपना मासूम सवाल मुझसे आँखों में आँखें डाल कर किया। मैं बेहद आश्चर्य से भर उठा चूंकि इस उम्र के मासूम बच्चे से इस तरह के प्रश्न की उम्मीद की नहीं जा सकती थी।

    “तुम्हे नक्सलवादी कैसे पता बेटा” मैंने कुहु को गोद में उठा लिया था।

    “पापा मैंने टीवी में देखा था वो लोग बम फोडते हैं और क्रांति करते हैं” बिटिया नें बेहद सहजता से उत्तर दिया।

    “तो फिर तुम्हे क्यों लगा कि नक्सलवादी क्रांतिकारी नहीं होते?”

    “क्योंकि पापा वो तो कितने सारे लोगों को मार देते हैं”

    इस उत्तर से मैं सिहर गया था। पिछले दो दिनों से टीवी पर मिदनापुर के नक्सली हमले में चौबीस मौतें, सहरसा के नक्सली हमले में ग्यारह मौतें ब्रेकिंग न्यूज थी। फिर मैंने महसूस किया कि बच्ची नें क्रांति का बुनियादी अर्थ तो जान ही लिया है।

    “तो फिर नक्सलवादी कौन होते हैं पापा?”

    “आतंकवादी” मैंने कहा।

    4 टिप्‍पणियां:

    1. बहुत अच्छी लगी कहानी बच्चों को सही गलत के बारे मे हमे ही बताना है वर्ना टी वी देख देख कर बच्चे सही गलत की पहचान कहां कर सकते हैं । बहुत सुन्दर शब्दों मे आतंकवादी और देशभ्क्त क्राँतिकारिओं मे फर्क को समझाया है राजीव जी को इस सुन्दर लघुकथा के लिये बधाई

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    2. बामपंथी आतंकवादियों की बर्बरता को उजागर करने के लिए धन्याबाद

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    3. sahi dishaa me maar karane vali laghkatha ke liye lekhak ko badhai.

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    4. आतंकवादियों की बर्बरता बताने के लिये आप का धन्यवाद, बहुत अच्छा बता रहे है आप बच्चे को गलत को सही मै अंतर

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
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