जन-जीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त.
आये दिन बन्द
हर तरफ़ अफ़रा-तफ़री
आये दिन आत्म-हत्यायें
छात्रों का आन्दोलन
तीन विश्व-विद्यालयों में परीक्षायें स्थगित
पूरा सेमिस्टर बर्बाद
दसियों छात्र शहीद हो गये
बीसीयों पुलिस-कर्मी भी.
अनगिनत वाहन जलाये गये
सार्वजनिक सम्पत्ति स्वाहा हुई.
राजनेताओं को कोई मार्ग ही नहीं दिखता
दबाव में पहले माँग मान ली
दबाव में पलट भी गये
दबाव में ही कई विधायकों का इस्तीफ़ा
दबाव में चल रहा मन्त्रणाओं का नाटक…
दबाव का एक और भी पक्ष है
जिस पर बात करना भी
नये खतरे को निमंत्रण देना होगा…
…. छात्रों की आत्म-हत्यायें …
किसी और ही दबाव का नतीजा हैं…
…कहीं गरीबी, कहीं असफ़ल प्रेम
…कहीं फ़ेल होने का भय,
तो कहीं जलती पूरा पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें और अपनी राय दें
साधक उम्मेदसिंह बैद
तेलंगाना –दबाव और अन्तर्विरोध के स्वर
Posted on by Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " in
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अनतार्विरोद्ध,
तेलंगाना
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