हंसने कि बारी है !
Posted on by Vivek Sharma in
एक बार एक समाज सेवक मृतु के पश्चात यमलोक पहुंचा तो वहां उसने कई प्रकार की दीवार घड़ी देखीं ,जो विभिन्न गति से चल रही थीं !उसने यमराज से कारण पूछा,तो यमराज बोले " ये विभिन्न देशों कि घड़ियाँ हैं ,जिस देश में जितना ज्यादा भ्रस्टाचार, उतनी उसकी गति !" उस व्यक्ति ने नजर दौड़ाई लेकिन कहीं उसे भारत कि घड़ी नजर न आई ,उसने यमराज से पूछा "बताओ भारत कि घड़ी न लगाने की कितनी घूस खाई!" तब यमराज बोले "नाराज क्यों होते हो मेरे भाई मेरे कमरे में जाकर देखो ,वह तो मेरे पंखे का काम कर रही है !"
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बहुत अच्छा.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन। लाजवाब। जय हो।
जवाब देंहटाएंबहुत खुब
जवाब देंहटाएंवाह वाह बहुत अच्छे जी
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
हा हा, मजेदार!!
जवाब देंहटाएंapan ka to har jagah danka hei...vishav guru jo tehre hum...aapka blog mujhe behad acha laga.
जवाब देंहटाएंhahahaha.
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंha..ha..ha..ha..maja aa gaya ji...
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