संदर्भ : ब्लॉगर सम्मान वर्ष 2009
अलबेला जी वास्तव में यथार्थ में सच में अलबेला हैं। नोट हैं जिनके पास अंबार ऐसे तो बहुत हैं यार पर नोटों से अधिक जो करते हैं सच्चाई से प्यार सच्चाई पर लुटा देते हैं कई हजार कमाते हैं तो लुटाते भी हैं दिल खोल कर दिल इतना बढ़ा है इनका बहुत बड़ों का भी नहीं मिला है अब तक हमें। तो चलो उनकी बेवसाइट पर HOME पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन करें रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जल्दी ही पूरी करें फिर डालेंगे वोट कह रहे हैं डंके की चोट जो अच्छा लगेगा जो सच्चा जचेगा कोई भेदभाव नहीं चलेगा http://www.albelakhatri.com/index.php?option=com_comprofiler&task=registers जो सच्चा है जो अच्छा है उसका तो सबको पता है क्या है जो सूची में नंबर नीचे जरा है वैसे यह पहेली भी हो सकती है पर इस पहेली पर पुरस्कार नहीं है आओ रजिस्ट्रेशन करें लिंक यह है http://www.albelakhatri.com/ समय सचमुच में कम है पर 15 में से चुनना उन्हें है जिसमें दम है यह पन्द्रह का दम है दस का दम नहीं वैसे आप भी किसी से कम नहीं जिनका नाम नहीं है सूची में वे अपनी वर्ष 2009 में प्रकाशित एक पोस्ट का लिंक सबमिट कर सकते हैं आप अपने किसी मित्र की पोस्ट या जो आई हो खूब भाई हो उसका भी लिंक भेज सकते हैं चयन के लिए मनन के लिए। जो पहले करें रजिस्टर फिर डालें वोट परंतु जल्दी करें कहीं देर न हो जाये।आज और अभी करें रजिस्ट्रेशन
जिससे कोई परेशानी हो रही हो
तो पूछ सकें
और समय से वोट दे सकें
अंतिम तिथि तक नहीं करना
हमें इंतजार।
dhnyavaad chandan ji !
जवाब देंहटाएंlekin vote ke liye panjikrit hone hetu aapne mere blog ka url diya hai jabki blog par toh keval soochna hai
panjikaran hetu web site par aana padega jiska link hai
www.albelakhatri.com
dhnyavad !
देर ना हो जाये कही देर ना हो जाये .......
जवाब देंहटाएंसभी सम्भावित पुरस्कार विजेताओ को अग्रिम शुभकामनाये.
हमने तो रेजिस्ट्रेशन करा भी लिया...अब वोट देना बाकी है..
जवाब देंहटाएंहम भी पहुँचते हैं....
जवाब देंहटाएंपता चला!!
जवाब देंहटाएं’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’
-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
-सादर,
समीर लाल ’समीर’
अलबेलजी ,रजिस्टृेशन तो हो गयी अब आगे क्य करेन अब लोगिन नही हो रह अपनी रचना और परिछय कहाँ भेजें?
जवाब देंहटाएंअलबेलजी ,रजिस्टृेशन तो हो गयी अब आगे क्य करेन अब लोगिन नही हो रह अपनी रचना और परिछय कहाँ भेजें?
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