प्रभाष जोशी यहीं हैं और यहीं रहेंगे (अविनाश वाचस्पति)
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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और भी बहुत कुछ,
प्रभाष जोशी
प्रभाष जोशी
एक देह का नहीं रहना
विचार है अपना गहना
देह का जाना
सब कुछ चुक जाना
नहीं होता है।
देह नहीं है
पर विचार यहीं हैं
वे सदा बरसते रहते हैं।
विचार नहीं जाते
वे मानस में
बस जाते हैं
सत्यमार्ग दिखाते हैं
हम देह से ही
मार खाते हैं
देह से विजय पाते हैं।
हार नहीं सकते हम
न हारेंगे कभी हम
जीतते रहेंगे सदा हम।
प्रभाष जोशी जी को नुक्कड़ की विनम्र श्रद्धांजलि।
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हाँ सुबह सुबह ये बुरी खबर पढने को मिली. दुःख हुआ. भगवन शांति दे.
जवाब देंहटाएंdukhad samachar- vinamra shraddhanjli,
जवाब देंहटाएंपत्रकारिता का एक मजबूत स्तंभ ढह गया। विनम्र श्रद्वांजलि।
जवाब देंहटाएंप्रमोद ताम्बट
भोपाल
www.vyangya.blog.co.in
श्रद्वांजलि!!!
जवाब देंहटाएंजान कर आघात लगा। विनम्र श्रद्धाँजलि।
जवाब देंहटाएंjee.bahut dukh hua.............. shradhdhajaanjali........
जवाब देंहटाएंप्रभाष जोशी जी विचार हैं और विचारों की कभी मृत्यु नहीं होती । मेरी विनम्र श्रद्धांजलि ।
जवाब देंहटाएंaise samay main jab patrkaarita corporates se disha nirdesh paati ya niyojit ho rahi hai .. PRABHASH jee hamesha nidarta aur nirbheekta se swatantra se likhte rahe wo hindi patrkaarita ke ek mazboot khambhe thhe.. meri shraddhanjli..anwar jamal
जवाब देंहटाएंप्रखर विचार हमेशा जिन्दा रहेंगे ...
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि ...!!
दुखद समाचार था, उनके लिये हमारी विनम्र श्रद्धांजलि ।
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धाँजलि...
जवाब देंहटाएंबहुत ही दुखद खबर है
जवाब देंहटाएंलेकिन शायद अच्छे लोगो की वहा भी जरूरत है
बहुत दुःख हुआ। कल मैंने इनका ई—मेल आईडी गूगल पर बहुत खोजा परन्तु मुझे प्राप्त नहीं हुआ। क्योंकि समाचारसफ़र पत्र में इनके दिवंगत पत्रकार होने की खबर थी। मैं इनको मेरे साथ हो रहे अन्याय के बारे में बतलाना चाहता था और मदद माँगना चाहता था पर अभी यह खबर दुःखी कर गई। अब किस पत्रकार को लिखूँ के वह मुझे न्याय दिलाये! विनम्र श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंबेहद दुखद खबर ! मेरी विनम्र श्रृद्धांजलि !
जवाब देंहटाएंसभी मैनपुरी वासीयों की ओर से जोशी जी को शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि !
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने, प्रभाष जोशी जी अपने लेखन के माध्यम से हमारे बीच रहेंगे ही। उनको विनम्र श्रद्धांजली। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे॥
जवाब देंहटाएंपुण्य समृतियों को नमन्
जवाब देंहटाएंनिश्चित ही प्रभाष जी जैसे व्यक्ति का जाना बेहद कष्टकारी समाचार है.
जवाब देंहटाएंमेरी विनम्र श्रृद्धाजंलि.
चन्देल
हां एक सच्चा साहित्यकार और पत्रकार अपनी लेखनी से खुद को अमर कर लेता है और ऐसे ही थे प्रभाष जोशी ..
जवाब देंहटाएंहमारा भी उनको नमन और श्रद्धांजलि..
subah hi khabar mili thi, dukh hua. kintu jeevan ka yah satya he aour isase muh nahi moda jaa sakata. mere bhi unake saath kuchh sansmaran jude hue he...kher..ab yahi to saath he.
जवाब देंहटाएंएक देह का नहीं रहना
विचार है अपना गहना..
shradhdhanjali samarpit.
पत्रकारिता के एक सशक्त प्रहरी को मेरा सलाम
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्वांजलि
very nice, really he is with us
जवाब देंहटाएंprabhash ji ki pahoonch kitni vistarit thi. Ham kasbai patrakaar bhi unke saath bitaye avsaron ko yaad kar rahe hain is mauke par. Hamara soubhagya hai ki hamne apni peedhi men unhe paa liya.
जवाब देंहटाएंRajesh Agrawal.
विनम्र श्र्द्धांजली
जवाब देंहटाएंप्रभाषजी के निधन की खबर जानकर दुख हुआ . लेकिन यह समय - असमय आने वाला ऎसा सत्य है जिसे स्वीकारने के अतिरिक्त हमारे पास और कोई ऑप्शन नहीं है .किंतु ये भी सत्य है कि प्रभाष जी आज भले ही हमारे बीच नहीं रहे मगर उनकी सशक्त और बेबाक लेखनी हमेशा हमारे बीच रहेगी . अविनाशजी की श्रद्वांजलि कविता का एक - एक शब्द मर्मस्पर्शी है , मगर ये चंद लाइनें बहुत कुछ कह गई है ---
जवाब देंहटाएंदेह नहीं है
पर विचार यहीं हैं
वे सदा बरसते रहते हैं।
विचार नहीं जाते
वे मानस में
बस जाते हैं
सत्यमार्ग दिखाते हैं
हम देह से ही
मार खाते हैं
देह से विजय पाते हैं।
पत्रकारिता के एक मजबूत स्तम्भ और अपनी लेखनी के लिए जाने पहचाने जाने वाले प्रभाष जोशी जी को मेरी विनम्र श्रद्वांजलि।
देह का जाना
जवाब देंहटाएंसब कुछ चुक जाना
नहीं होता है।
bilkul sahi baat hai joshi ji ka sahitya unke vichar sabkuch to yahin hai, jo kabhi mar nahi sakte.
विनम्र श्रद्धांजलि ...!!
बहुत ही दुखदायी क्षति है. खासकर हम इंदौर वासीयों के लिये.
जवाब देंहटाएंकल उनके पैतृक निवास मोती तबेला पर जमी भीड नें ये सिद्ध किया कि उनका कद कितना बडा है.