मैं एस.पी.की जिंदगी का अर्जुन कभी नहीं बन पाया- आशुतोष, मैंनेजिंग एडिटर,आईबीएन-7

Posted on
  • by
  • पुष्कर पुष्प
  • in
  • Labels: , ,
  • मैं एस.पी.की जिंदगी का अर्जुन कभी नहीं बन पाया- आशुतोष, मैंनेजिंग एडिटर,आईबीएन-7
    एस।पी हमेशा जनता से जुड़ने वाली ख़बरों और वैसी ही पत्रकारिता के पक्षधर थे वे शास्त्रीयता से ज्यादा लोकप्रियता के पक्षधर थे अख़बारों से लेकर टेलीविजन तक में उनकी यही कोशिश थी जिसमें वे सफल भी हुए एस।पी ने पत्रकारिता को आम जन से जोड़ दिया और आज टेलीविजन जिस मुकाम पर खडा है उसमें एस.पी. का बहुत बड़ा योगदान है एस.पी प्रयोग के पक्षधर थे यदि आज वे होते तो वे भी पत्रकारिता को और लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयोग करते लेकिन आज प्रयोग के नाम पर ऐसी कुछ चीजें भी टेलीविजन पर चली जाती है जो शायद नहीं जानी चाहिए . विस्तृत लेख

    0 comments:

    एक टिप्पणी भेजें

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz