भाई ये कैसी पोस्ट है जिसका न शीर्षक है न ही शरीर.
@ काजल कुमारऐसा ही होता हैजब रेडियो जॉकी की होती है पोस्टनजर कुछ नहीं आतासिर्फ आवाज पड़ती है सुनाईआंखों से नहीं देता दिखाईजैसे हवा नहीं दिखाई देती हैवैसे आवाज भी सिर्फ सुनाई देती है।
आपके आने के लिए धन्यवादलिखें सदा बेबाकी से है फरियाद
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भाई ये कैसी पोस्ट है जिसका न शीर्षक है न ही शरीर.
जवाब देंहटाएं@ काजल कुमार
जवाब देंहटाएंऐसा ही होता है
जब रेडियो जॉकी की होती है पोस्ट
नजर कुछ नहीं आता
सिर्फ आवाज पड़ती है सुनाई
आंखों से नहीं देता दिखाई
जैसे हवा नहीं दिखाई देती है
वैसे आवाज भी सिर्फ सुनाई देती है।