दिल्‍ली पुस्‍तक मेले में पप्‍पू (अविनाश वाचस्‍पति)

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • दिल्‍ली पुस्‍तक मेले में
    कल घूम रहा था पप्‍पू
    एक प्रख्‍यात प्रकाशक के
    स्‍टॉल पर एक विक्रेता ने
    पप्‍पू को पहचान लिया
    और बोला
    यह पुस्‍तक ले जाइए
    एक बार पढ़ना शुरू करेंगे
    तो दिन का चैन और
    रातों की नींद उड़ जाएगी ?

    पप्‍पू ने तुरंत दिया धन्‍यवाद
    मुझे ऐसी किसी पुस्‍तक की
    कोई जरूरत नहीं है महाशय
    मैं शादीशुदा हूं।

    अब आपको बतलाना है
    विक्रेता ने पप्‍पू को
    जो पुस्‍तक खरीदने की
    दी थी सलाह
    उसका नाम था क्‍या ?

    17 टिप्‍पणियां:

    1. हम क्या बतलायें आप ही शाम तक बतला देंगे पप्पू कहाँ चुप रह सकता है

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    2. नाम बताने लायक ही नहीं है. क्योंकि नाम बता देंगे तो सभी लोग जान जाएंगे और सबकी नींद उड़ जाएगी.

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    3. बड़ा ही बेहूदा प्रकाशक रहा होगा जो पप्पू को पहचानने के बाद भी किताब बेचने की कोशिश कर रहा था

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    4. "मै, मेरी शादी और साहित्य"
      --अविनाश वाचस्पति

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    5. 1. पप्पू बन गया जेंटलमैन
      2. सुयोग्य जीवन साथी कैसे ढूंढें
      3. AVOID GIRLS SAVE PETROL
      4. उपरोक्त में से कोई नहीं

      :-)

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    6. Jaswant singh ji dwaaraa sampadit ZZZZZIIIIINNNNNNNNNNAAAAAHHHHH.
      jhalli-kalam-se

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    7. वाह जी वाह ये भी खूब रही। वैसे गए थे दिल्ली पुस्तक मेले और फोटो विश्व पुस्तक मेला का लगा दिया है लगता है ये सब कमाल उसी किताब का है।

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    8. वाह अविनाश जी 500 वीं पोस्‍ट अपने नाम लगाने का आपने अच्‍छा बहाना ढूंढा।
      बधाई।

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    9. अजी मै कैसे बता सकता हूँ (जानता हूँ)
      मै भी तो शादीशुदा हूँ.

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    10. नहीं नहीं नहीं
      कोई किताब नहीं
      क्‍यों परेशान होते हो
      क्‍यों मन पर बोझ ढोते हो
      किसी की ताब नहीं
      जो इनको किताब देदे
      नाहक परेशान न होना
      सोचना छोड़ दो
      कि दिन की नींद और रात का चैन
      कहां चला जायेगा

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    11. अब पप्पू है तो कुछ वैसा ही होगा

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    12. लड़कियाँ पटाने के टिप्स...

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    13. — कोई भरोसा नहीं किसी का चाहे प्रकाशक ही क्यों न हो ... "पप्पू समझ गया" ... दिल्ली से जो है ... कुछ भी हो सकता है|

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    14. sabko ullu banana chahta hai pappu kyoki ullu ki rat ki need haram hoti hai. par banta koi nahi.

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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