आंखों के लिए सलाह चाहिए (अविनाश वाचस्पति)
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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कविता,
चश्मा,
दूर की,
पास की नजर
नजरें पहले पास की
अब दूर की भी
करती हैं परेशान।
वैसे आंसू नहीं लाती हैं
बस पढ़ता हूं तो
दिक्कत आती है।
नंबर पास का
पहले से है
चश्मा तो आप
देखते ही हैं
मुझे गले में टांगे हुए
या आंखों और कानों पर
साधे हुए।
पर अब इससे भी
नहीं हो रहा निदान
मुझे बतलायें
बाई फोकल हल नहीं है
पढ़ना और कंप्यूटर
दोनों की दूरी
समान नहीं है।
सलाह मिली है
प्रोग्रेसिव यानी मल्टीफोकल
लैंस वाले ब्रांडिड चश्मा
कान पर नाक पर
जमाना होगा।
तब पढ़ने का
पास का
दूर का
और दूर का सफर
सुहाना होगा।
पर ब्रांड कौन सा
अच्छा है
मुझे नहीं मालूम
इस मामले में
मैं तो बच्चा हूं।
इसलिए सलाह चाहिए
श्रीमान
आंखों का उचित हो
सके
सम्मान
और मिले सही सामान।
नजर सुहानी हो सके
पढ़ने में अखबार या पुस्तकें
करने पर कंप्यूटर में खटराग
आसानी हो सके।
कौन से ब्रांड का लैंस
कितने का आएगा
यह भी जरूर बताइएगा।
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पता चले तो मुझे भी बतलाएँ
जवाब देंहटाएंअपनी कीर्ति चहुँ ओर फैलाएँ
मेरे विचार से 10 नम्बरी मोटा लैंस
जवाब देंहटाएंलगाएँ तो ज्यादा साफ नज़र आयेगा।
:)
नहीं बता सकते..अभी चश्मे की जरुरत नहीं पड़ी..!!
जवाब देंहटाएंmaamla aankh ka hai
जवाब देंहटाएंtoh zaraa aankhen milaa k poochho !
भईया इ तपलीख हमरो रहे। जब गईनी डागडर बाबू लगिन त ए गो नया चश्मा रिकोमेन्ड कर देलन औरि फिसवा अस्सी टका झटक लेलन मुदा तपलीख कम न होखल। तब सोचे लगनी कि का बात बा कि बाईफोकल लेन्स एजा काम ना करे ला। फिर ध्यान आईल कि पढ़े वाला दूरी त डागडर २५ से.मी. कहे ला औउर गाड़ी-उड़ी चलावे खातिर दूर वाला लेन्स चाही। मुदा कम्पयुटर वाला दूरी २५ से. मी. नईखे वा, उ त कमो से कम साठ से. मी चाहिये। अगर एकर हिसाब से पावर लगायी त फिन नजदीक से किताब पढ़े वाला गड़बड़ा जाई। तअब सोचे लगनी कि अब बाई ना ट्राईफोकल लेन्स ब्लागर लोगन के चाही। तबे निदान संभव बा।हा हा हा....
जवाब देंहटाएंप्रोग्रेसिव यानी मल्टीफोकल लैंस
जवाब देंहटाएंका ब्रांडिड कंपनी का शुरूआती दाम
रूपया साढे तीन हजार बतलाया है
फ्रेम अलग से हजार बारह सौ का मिलेगा
सौदा पांच हजार का है
सर्वोत्तम दस हजार का लैंस
बतलाया है
वैसे आंखें हैं तो जहान है
ब्लॉग की सारी दास्तान है।
सुशील भाई फिर चाहे
पढ़ना हो
कंप्यूटर पर लिखना देखना हो
या गाड़ी चलानी हो
सबका काम एक ही करेगा
पर जेब को भी तो
वही खाली करेगा।
मुझे ज़्यादा आइडिया नही है लेन्स का..
जवाब देंहटाएंवैसे आप तो पप्पू से पूछ लीजिए मार्केटिंग का आइडिया उसे ज़्यादा बढ़िया है.
सस्ता और बढ़िया लेन्स दिलवा देंगे...पप्पू जी...
सलाह लेकर गायब हो जाते हैं .. पहले बताइए वाशिंग मशीन किस कंपनी कर खरीदा .. फिर बताउंगी।
जवाब देंहटाएंमोबाइल एचटीसी का लिया है
जवाब देंहटाएंपी 3400 आई टचस्क्रीन
पर दूसरा हाथ
और खूब दे रहा है साथ
संगीता जी।
बहुत खूब लिखा है आपने, कई और लोगों की समस्या का भी समाधान हो जाएगा ।
जवाब देंहटाएंअविनाश जी
जवाब देंहटाएंपास दूर की समस्या से निजात पाने के लिए बायोफोकल चश्मा खरीद ले पास दूर की समस्या हल हो जायेगी.
Essilor India Pvt. Ltd.,
जवाब देंहटाएंC-65, Okhla Industrial Area,
Phase I, New Delhi – 110 020.
हमारे कोई ब्लॉगर साथी या पाठक बंधु इस कंपनी में हैं। उनसे विशेष सलाह की दरकार है। avinashvachaspati@gmail.com Mobile 09868166586
एकलव्य जी। बायोफोकल से ही तो बनी है समस्या। उसी का हल तलाश रहा हूं बंधु।
जवाब देंहटाएंavinash ji ,
जवाब देंहटाएंsamasya to ye sabki ho gayi hai , blogging ki ye nayi di gayi bimaari hai , chasma koi bhi pahna kare... tippani hamesha hi diya kare ..... pathak gan krupya dyaan de... tippani karte hue pyaar de......jai ho gurudev...
namaskar.
vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/
bas aankhein sahi salamat rahni chahiye phir chashma aur lense koi bhi lagwaiye aur kitne ka bhi lagwaiye.
जवाब देंहटाएंलापरवाही ना करें .....भाई आँख का मामला है.......इस मे खर्चा मत देखें.......अच्छे डाकटर से सलाह लें......
जवाब देंहटाएंTeen ka lens lagaayen, kharaab hone se mukti paayen.
जवाब देंहटाएं{ Treasurer-S, T }
अविनाश जी मैंने दस दिन पहले ही
जवाब देंहटाएंप्रोग्रेसिव चश्मा बनवाया है
फ्रेम 750 का और कांच 2800 का आया है
कंपनी का तो पता नहीं
पर अपनी आंखों को खूब भाया है
आप भी आजमाइए और सारी मुसीबत से
निजात पाइए
राजेश जी कंपनी
जवाब देंहटाएंऔर विवरण बतलायेंगे
लेंस का तो
अच्छा रहेगा
अथवा जिसने बनाया है
उसका नंबर दीजिए
मैं बात कर लेता हूं।
सर, उसमे UV protective लेंस भी लगवा लेना... कंप्यूटर पर काम करने वालो के लिए अच्छा होता है.
जवाब देंहटाएंमै तो चार साल से चश्मिश हो गयी हूँ !
:)