ये बरगद परिवार का पेड़ है.....आप देख सकते हैं, की, इसकी जड़ें, तनेपरसे निकल के गमले की मिट्टी में पहुँची हैं...कभी इससे अधिक साफ़ तस्वीर पोस्ट कर दूँगी...इसी पौधेकी...ये तस्वीर लिए २० साल हो गए हैं!
इसपे सीधे "फल" लगते हैं, फूल नही..."गूलर का फूल" कैसे निकला, ये कहावत, इन्हीं दरख्तों पर से ईजाद हुई है...! इन फलों के तथा घनी छाया के कारन इनपे खूब परिंदे आते हैं....परिंदों के कारण इसके नीचे की मिट्टी बेहद लाभ दायक बन जाती है...गर थोड़ी खोद के अन्य पौधों में डाली जाय तो चंद दिनों में कमाल नज़र आता है...
इसपे सीधे "फल" लगते हैं, फूल नही..."गूलर का फूल" कैसे निकला, ये कहावत, इन्हीं दरख्तों पर से ईजाद हुई है...! इन फलों के तथा घनी छाया के कारन इनपे खूब परिंदे आते हैं....परिंदों के कारण इसके नीचे की मिट्टी बेहद लाभ दायक बन जाती है...गर थोड़ी खोद के अन्य पौधों में डाली जाय तो चंद दिनों में कमाल नज़र आता है...
कमाल है ..इस बौने बरगद की कहानी और तस्वीर ने तो चकित कर दिया..
जवाब देंहटाएंवाह लाजवाब. बहुत सुंदर लग रहा है.
जवाब देंहटाएंरामराम
bahut sundar hai.
जवाब देंहटाएंjankari ke liye dhyanwad,mere ko nahi malum tha ki bargad ke ped par sidhey phal lagtey hai.
जवाब देंहटाएंapka link lalitlekh.blogspot.com nahi mil rha hai.