खरीदना चाहता हूं ई बाईक
जिसका न रजिस्ट्रेशन होता है
न जरूरत होती है लाईसेंस की
चलाने के लिए
पेट्रोल, सीएनजी, डीजल
भी नहीं चाहिए
चाहिए सिर्फ बिजली
जिससे होगी उसकी बैटरी चार्ज
प्रदूषण तो होगा नहीं
गति भी तेज नहीं होगी
पर असमंजस में हूं
हूं तो दिल्ली में भी
कि कौन सी खरीदूं
जो जानते हैं
वे बतलायें
अपने अनुभव
या दें सलाह
अग्रिम शुक्रिया।
विज्ञापन तो देखें हैं कई कंपनियों के
छूट यानी सब्सिडी भी दे रही है
दिल्ली सरकार
पर इन सबमें कौन सी कंपनी है
ई बाईक की सरदार।
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अच्छा लिखा है,अपनी भी यही इच्छा है.
जवाब देंहटाएंkavita badiya hai. shujhav hai ki Ultra Moter ki le lijiye :)
जवाब देंहटाएंखरीदना क्या जी.. डाउनलोड़ कर दो..
जवाब देंहटाएंबढ़िया सोचा आपने, मैं भी सोच रहा हूँ खरीद लूँ,कम से कम पेट्रोल से मुक्ति मिल जाएगी,
जवाब देंहटाएंवैसे भी ब्लॉगर्स को बस एक ब्लॉग से दूसरे ब्लॉग पर ही तो जाना रहता है..इससे अच्छा साधन और क्या हो सकता है.
धन्यवाद..
ऐसी बाइक खरीदी नहीं जाती,उसके बारे में सिर्फ सोचा जाता है। आपको जब भी ऐसी बाइक चलाने की जरुरत हो,आप इसके बारे में सोचना शुरु करें। ध्यान रखिए,सोचना ही आपकी पूंजी है,इसमें इ बाइक से लेकर इ हाउस तक शामिल है।
जवाब देंहटाएंAAJ KE MANHAGAI ME E-BIKE SASTA HAI
जवाब देंहटाएंअविनाश भाई,,
जवाब देंहटाएंऐसे बाईक की रेपेटेशन अच्छी नहीं है,
एक मित्र ने ली थी,कंडीशन अच्छी नहीं है..
यहाँ अपने देश में इसका नहीं है भरोसा,
मग आपने ई बाईक का ही क्यूँ सोचा..
;आप तो ऊ बाईक ही ले लीजिये..
अजय जी
जवाब देंहटाएंयह ऊ बाईक कौन सी है
खुलासा कीजिए
हमें तो घबरा ही दिया
कोई तो दिलासा दीजिए
AAPKEE SOCH BADHIYA HAI.SABHEE AB
जवाब देंहटाएंAAP JAESA HEE SOCH RAHE HAIN.BADHAI
मुझे भी एक लेनी है बड़े भाई,मेरी भी न,लगाईयेगा।
जवाब देंहटाएंमेरे अपने विचार से पेट्रोल की ही बाइक लें तो ज्यादा अच्छा है.
जवाब देंहटाएंजिसके पास जो चीज होती है वही अच्छी लगती है. जैसे कि मेरे पास टीवीएस की ई-स्कूटरेट है. 6 महीने हो गए ख़रीदे, ५००० किलोमीटर चल चुकी. आज तक एक भी बार रास्ते में नहीं परेशान किया. न किक मारने की झंझट, न क्लच न गेयर, न गेयर आयल, न कोई वायर, न कोई मेकेनिकल पार्ट, न पिस्टन, न स्पार्क प्लुग, न पेट्रोल, न चेन, न बेल्ट!
जवाब देंहटाएंबस एक समस्या है कि घर पर बिजली ही ना हो तो?
अविनाश भाई मैं तो मजाक कर रहा था..दरअसल बात ये है की ..कुछ दिनों पहले मैंने ऐसे बाईक देखी थी..जैसा की पाबला जी ने कहा...मगर दिक्कत सिर्फ बिजली की ही नहीं है..दरअसल उसके मेंटेनेंस को लेकर भी कई सारी कठिनाईयां हैं..वैसे यदि कोई बढ़िया कंपनी है ..तो जरूर खरीद सकते हैं...
जवाब देंहटाएंEk hame bhee dilwa deejiye..yaa apne liye baad me..hamaree booking pahle karva deejiye..!
जवाब देंहटाएंhttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
http://lalitlekh.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
भाई अविनाश जी, आपने होशियारी खूब दिखाई,
जवाब देंहटाएंसलाह के बहाने सबको पूरी-की-पूरी कविता पढ़वाई :)
टिप्पणियाँ देने वालो
जवाब देंहटाएंके समझ मे न आयी है
परसो मोबाईल आज इ बाइक
क्या लाटरी निकल आइ है?
लगता है बेन्क लूटा है
नही
तो पक्का घूस खायी है
yeh accha hai apney pardooshan ke bare main socha.
जवाब देंहटाएंमैँ तो इसे इस्तेमाल भी कर रहा हूँ...पहली 'हीरो' की 'ऑप्टिमा प्ल्स' ली लेकिन मज़ा नहीं आया...देखने में बहुत सुन्दर...लाईट..ब्रेक वगैरा सब बढिया लेकिन स्पीड 25 किलोमीटर से ज़्यादा की नहीं थी...कद मेरी कद-काठी के हिसाब से कुछ छोटा था...अत: बदल कर 'एवन' का 'ई-स्कूट' ले लिया...स्पीड 30 किलोमीटर के आस-पास आ जाती है ...ऊँचा-लँबा कद है...डिग्गी बहुत बड़ी है....अब कोई दिक्कत नहीं है
जवाब देंहटाएंSecond hand chahiye to bataayiye
जवाब देंहटाएंइच्छा मेरी भी थी ऐसी गाड़ी लेने की, मैंने सोचा चलो अविनाशजी ने सलाह मांगी है 'अपने लोगों' से तो अपन भी उसी से काम चला लेंगे। पर यहां तो गुड़ के बिना ही .... हो गया। कब कोई समझेगा कि हमारे दिल मे पर्यावरण के लिये, अपने देश के लिये, अपनी जेब के लिये कितना दर्द भरा है। हम जरा दिल बहलाने के लिये गाड़ी-वाड़ी की बात करते हैं तो उनको लगता है कि हमारी जेब का हाल अच्छा है। चलिये ठीक है "गलत फैमली" बनी रहे।
जवाब देंहटाएंडॉ. अमित जी, बतलाना तो अब आपने है। हम क्या बतलायें ?
जवाब देंहटाएंभाई अब ये उम्र बाइकों की है?
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंPlease have a gift from me :)
जवाब देंहटाएंPlease open the following gift (link)
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रंजन जी ने सही तो कहा है खरीदनी क्या डाउनलोड ही करलो जी |
जवाब देंहटाएंऔर हाँ कोई लिंक मिल जाये तो यहाँ लिख जरुर देना |
अब ये अ आ इ ई स्वर व्यंजन वाली बाइक तो हमने भी नहीं देखि आप ले लीजिये उसके हमें बताइयेगा |
जवाब देंहटाएंअब समझ में आया आप का नाम watch's pati कैसे पड़ा खूब घड़ियों का शौक रहा होगा अब इ बाईक पति बनना चाहते है जनाब,थोडा वेट क्यूँ नहीं कर लेते नैनो टेक्नोलॉजी सफल हो रही है रतन टाटा को आईडिया भेज देते है की ऐसी बाईक बनाये जो आँखों ( नैनों) के इशारे से चल पड़े,तेल बिजली दी कोई लोड नहीं,
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