टर्राने का मौसम है आजकल

Posted on
  • by
  • Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून
  • in
  • टिड़डी, पांव आसमान की तरफ़ ऐसे ऊपर कर के सोती है मानो आसमान उसी ने थाम रखा हो. जैसे ही बजट पास आता है हर टी0 वी0 चैनल पर ऐसे- ऐसे चेहरे उग आते हैं जिन्हे वर्ना पूरा साल गोदामों में रख छोड़ा जाता है. बजट की बू आई नहीं कि दन्न से चश्मा पोंछ, टाई टांग, पाउडर लाली थोप आ जुटते हैं वित्त मंत्री को बिन मांगी सलाहें देने. 

    सट्टाबाज़ारी करवाने वाले वाणिज्य चैनलों को तो यूं लगता है कि मानो उनकी पांचों घी में हों. तरह तरह के जमूरों को इकट्ठा

    image

    कर चौबीसों घंटे समा बांधे रहते हैं. पूरी की पूरी मंडली को लगता है कि देश का वित्त मंत्री सारे काम-धंधे छोड़, बस उन्हीं की सुनता रहता होगा. सलाहें यूं देते है कि मानो वित्त मंत्री के पास न तो अपना दिमाग़ है, न विशेषज्ञ, न योजना आयोग, और तो और, जैसे वित्त मंत्री के पास सत्तादल का कोई एजेंडा भी नहीं है.

       अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग. सब, पूरा- पूरा दिन, अपने काम धंधे के लिए बेशर्मों की तरह ढेरों रियायतें की दुहाई कारणों के साथ देते रहते हैं. इस सबके बीच, एक भी भला-आदमी मैंने कभी यह कहते नहीं सुना कि देश को पैसे की ज़रूरत के चलते कर लगाने की भी आवश्यकता भी है.

    ढेरों और मुद्दों के अलावा, आजकल Fringe Benefit Tax (FBT) के खि़लाफ़ पूरी जमात जुटी दिखती है क्योंकि इस रास्ते से बिना टैक्स चुकाए ऐश करने के दिन जो लद गए. दलीलें भी एक से एक हैं इनकी, इसकी बाबत.

    अलबत्ता, आज गरीब की बात इन चैनलों पर तभी होती है जब उसका बच्चा बोरवेल्ल में गिर जाता है और उसके लाइव प्रसारण के लिए विज्ञापन जुट जाते हैं.

    0--------0

     

    4 टिप्‍पणियां:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz