जून कवियों की ले रहा है जान
कैसे रह सकते हैं इससे अंजान
आज चले गए हैं अल्हड़
कैसे मचाएं हम हुल्लड़
चले गए हास्यकवि एक और
कैसा चल रहा है यह दौर
उनकी कविताएं उनकी याद दिलाएंगी
याद रूलाएगी तो कविताएं हंसाएंगी।
कम ही जानते हैं कि अल्हड़ बीकानेरी जी ने हरियाणवी फिल्म छोटी साली के निर्माण से फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी दमदार कदम रखा था। नुक्कड़ की विनम्र श्रद्धांजलि। परमपिता परमात्मा शोक संतप्त परिवार-साहित्य जनों को संबल प्रदान करे।
काका हाथरसी ने लिखा था कि
अल्हड़ जी का स्वर मधुर, गोरा-चिट्टा चाम।
‘श्यामलाल’ क्यों रख दिया, घरवालों ने नाम।
घर वालों ने नाम, ‘शकीला’ पीटे ताली।
हमको दे दो, मूँगफली वाली कव्वाली।
इसे मंच पर गाने में जो होगी इनकम।
आधी तुम ले लेना, आधी ले लेंगे हम।
हास्यकवि अल्हड़ बीकानेरी भी चले गए
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
Labels:
अल्हड़ बीकानेरी,
कविता,
जून में जान,
निधन
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निधन
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बहुत दु:ख हुआ। खैर जाने वाले चले जाते हैं मगर उनकी याद उनकी रचना वसना में बस जाती है।
जवाब देंहटाएंदुखद समाचार है।
जवाब देंहटाएंALHAD BIKANEREE KEE MRITYU KAA
जवाब देंहटाएंSAMAACHAAR PAAKAR MUN DUKHEE HUA
HAI.ISHWAR UNKEE ATMAA KO SHANTI
PRADAN KARE.
EK KE BAAD EK DUKHAD SAMACHAR AVSAAD MEN GHER RAHE HAIN ALHAD BIKANERI SE MILANA HAR BAAR EK SUKHAD ANUBHAV HOTA THA
जवाब देंहटाएंUNKE JANE SE KABHI BHI NA BHARANE WALA ABHAAV PAIDA HUA HAI
UNKE SAHITYIK YOGDAAN KO PRANAM KARTA HUN EVAM UNKO VYANGYA YATRA PARIVAR KI SHRADHANJLI ARPIT KARATA HUN
अल्हड नहीं गए दुनिया से, केवल काया चली गयी.
जवाब देंहटाएंहास्यकवि अल्हड़ बीकानेरी को श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंफिर से एक क्षति .....अल्हड़ जी को श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंदिवंगत आत्मा को प्रभु शान्ति दे.
जवाब देंहटाएंई मेल में प्राप्त संदेश :-
जवाब देंहटाएंये क्या चल रहा है,भगवान,
कब रुकेगा ये भयावह तूफान,
भगवान, अल्हड़ बीकानेरी जी की आत्मा को शांति प्रदान करें
विनोद पांडेय
Jaanewaale apnee rachnaon dwaaraa hamare man matishk me base rahenge...!
जवाब देंहटाएंAur kya kaha jaa sakta hai?
unka jana sachmuch ek bade aghat ki tarah hai...bhagwan unki aatma ko shanti de...
जवाब देंहटाएंALOK SINGH "SAHIL"
सत्य कह रहा हूं
जवाब देंहटाएंअल्हड़ के जाने का
बहुत दुख हुआ है।
नमन।