बीते साप्ताहिक डायरी के पन्नों की कुछ लाइनें

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  • विनोद कुमार पांडेय
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  • पिछले 5-7 दिनो की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ एक नये अंदाज में.

    1) हमारी भारतीय टीम,
    सभी समीकरण तोड़ कर,
    सफलता से मुँह मोड़ कर,
    हार के बहाने जोड़ कर,
    खेल प्रेमियों की भावनाओं को मरोड़ कर,
    घर वापस आ गयी.

    2) नेक और पवित्र मानवता शरमाने लगी,
    सीधी,सादी सूरत इंसान को भरमाने लगी,
    सामने श्वेत अंदर से काली स्याही है,
    शाइनी का कृत्य इस बात की गवाही है,
    सच और झूठ की परिचर्चा चल रही है,
    और पूरे देश मे इसी बात की चर्चा चल रही.

    3) विज्ञान और खोज की कला मे,
    उपलब्धियों की श्रृंखला मे,
    एक और विशेष अध्याय जुड़ गया,
    इसरो के सहयोग एवम्, आई. आई. छात्रों की मेहनत रंग लायी,
    और भारत की सबसे हल्की उपग्रह बन पायी,
    कुछ ही दिनो मे विश्व के सामने आएगी,
    और जुगनू नामक उपग्रह पूरे ब्रम्‍हांड मे टिमटिमाएगी.

    4) पिछले सप्ताह एक और महत्वपूर्ण बात हुई,
    ब्लॉगजगत मे,नुक्कड़ पर,
    सुशील जी का कड़वा सच,
    जम कर धमाल मचाया,
    थोड़ा माहौल भी गरमाया,
    सब की अपनी अपनी सोच थी,
    कुछ ने जवाब दिया ,कुछ ने पचाया,
    सच्चाई पसंद भी की गयी,
    हृदय के दरवाज़ों मे बंद भी की गयी,
    फिर भी सबसे गर्म थी,ब्लॉग जगत की यह सच्चाई,
    जो खूब पसंद और टिप्पणियाँ पायी.

    2 टिप्‍पणियां:

    1. वाह शब्द ऐसे चलते जा रहे हैं धडाधड जैसे कोई लिखने वाला लिखने का प्यासा हो, और ये ख़याल ले कर लिख रहा हो की जितना लिख लो उतना अपना है!!!

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