यूनिकोड के दौर में “प्रखर देवनागरी लिपिक” एक नवीन सॉफ़्ट्वेयर

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  • Jagdeep S. Dangi
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  • अब कंप्यूटर पर साधारण हिन्दी रेमिंगटन टंकण (हिन्दी टाईपिंग) जानने वाले भी यूनिकोड आधारित देवनारी लिपि (हिन्दी,मराठी,संस्कृत) युक्त पाठ्य को एवम् रोमन लिपि (अंग्रेजी) युक्त पाठ्य को अपने मन पसंद की-बोर्ड लेआउट यानि के रेमिंगटन की-बोर्ड लेआउट में संयुक्त रूप से सहजता से टंकण कर सकेंगें।प्रखर देवनागरी लिपिक रेमिंगटन टंकण प्रणाली आधारित एक सरल शब्द संसाधक है। इस सॉफ़्टवेयर का संपूर्ण इंटरफ़ेस हिन्दी में होकर यूनिकोड आधारित देवनागरी लिपि में है। अभी तक कोई भी हिन्दी का ऐसा सॉफ़्टवेयर उपलब्ध नहीं था जो कि कम्प्यूटर उपयोगकर्ता को यूनिकोड आधारित हिन्दी पाठ्य रेमिंगटन की-बोर्ड लेआउट में लिखने की सुविधा प्रदान कर सका हो! आज हमारे देश में लाखों लोग ऐसे हैं जो की हिन्दी टाइप-राइटर पर हिन्दी टाईपिंग (रेमिंगटन की-बोर्ड लेआउट ) जानते हैं, लेकिन यदि वही लोग जब कम्प्यूटर पर टाईपिंग करना चाहते हैं, तब रेमिंगटन लेआउट में यूनिकोड आधारित टाईपिंग की सुविधा न होने के कारण उनको काफ़ी दिक्कत होती है, लेकिन अब “प्रखर देवनागरी लिपिक” उक्त समस्या को पूरी तरह से समाप्त करते हुये उपयोगकर्ताओं के लिये एक नई सौगात है।
    विशेषतायें:-यह सॉफ़्ट्वेयर यूनिकोड आधारित देवनारी (हिन्दी,मराठी,संस्कृत) पाठ्य को रेमिंगटन की टंकण शैली अनुसार, टंकित करने की विशेष सुविधा प्रदान करता है। इस सॉफ़्ट्वेयर के माध्यम से देवनागरी लिपि एवम् रोमन लिपि युक्त पाठ्य को संयुक्त रूप से एक ही पृष्ठ पर आसानी से टंकित किया जा सकता है।यह सॉफ़्ट्वेयर विशेष तौर पर अस्की/इस्की (ASCII/ISCII) फ़ॉन्ट में टंकण करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिये है, जोकि अस्की/इस्की (ASCII/ISCII) फ़ॉन्ट पर रेमिंगटन की टंकण शैली अनुसार टंकण करते हैं। इसके माध्यम से अस्की/इस्की (ASCII/ISCII) फ़ॉन्ट पर रेमिंगटन की टंकण शैली अनुसार टंकण करने वाले उपयोगकर्ता, अपनी आदत के अनुसार देवनागरी पाठ्य को बहुत आसानी से रेमिंगटन की टंकण शैली अनुसार यूनिकोड में 100% शुद्धता से टंकित कर सकते हैं।
    प्रखर देवनागरी लिपिक कैसे कार्य करता है? यूनिकोड आधारित देवनागरी पाठ्य कैसे टंकित करें?
    सर्वप्रथम {स्क्रोल लॉक} Scroll Lock को चालू {ऑन} करें, {स्क्रोल लॉक} Scroll Lock के चालू रहने पर यह सॉफ़्ट्वेयर आपको देवनागरी लिपि आधारित पाठ्य को यूनिकोड में टंकित करने की सुविधा प्रदान करता है। यदि {स्क्रोल लॉक} Scroll Lock बन्द {औफ़} है तब यह आपको रोमन लिपि में टंकित करने की सुविधा प्रदान करता है। यूनिकोड आधारित पाठ्य को आप ऑन स्क्रीन कुंजीपटल की सहायता से भी टंकित कर सकते हैं, इसको माउस के माध्यम से चलाया जा सकता है।
    यूनिकोड आधारित देवनागरी पाठ्य को कैसे सुरक्षित करें?
    आप टंकित की हुई फ़ाइल को फ़ाइल मीनू में दिये गये विकल्प "इस रूप में सहेजें (Save As...)" से फ़ाइल को सुरक्षित कर सकते हैं, जोकि *.RTF फ़ाइल के रूप में कम्प्यूटर पर सुरक्षित होगी।
    यूनिकोड टंकण हेतु प्रखर देवनागरी लिपिक ही क्यों?
    यूनिकोड के आगमन से पूर्व कंप्यूटर पर टंकण की दो विधियाँ बहुत प्रचलित थी जो कि इस प्रकार से हैं:-
    १. रेमिंगटन टंकण शैली२. इन-स्क्रिप्ट टंकण शैली
    इनमे से रेमिंगटन टंकण शैली प्राचीन एवम् बहु-प्रचलित रही है, जोकि कंप्यूटर के आगमन के कई वर्षों पूर्व से टाईपिस्ट इसी शैली में टाईप-राइटर पर टंकण करते आये हैं। कंप्यूटर के आने पर उपयोगकर्ताओं ने अस्की/इस्की (ASCII/ISCII) फ़ॉन्ट आधारित देवनागरी पाठ्य टंकण के लिये रेमिंगटन टंकण शैली और इन-स्क्रिप्ट टंकण शैली को अपनाया। रेमिंगटन टंकण शैली का सिद्धांत इस प्रकार से है (The way you see, the way you type) अर्थात् "जिस तरीके से आपको पाठ दिखता है, वैसा ही आप टाईप करते हैं", जबकि इन-स्क्रिप्ट टंकण शैली का सिद्धांत इस प्रकार से है (The way you pronounce, the way you type) अर्थात् " जिस तरीके से आप पाठ्य का उच्चारण करते हैं, उसी तरीके से आप टाईप करते हैं"।
    यूनिकोड के आगमन पर कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं को यूनिकोड आधारित देवनागरी लिपि टंकण हेतु दो विधियाँ दी गई जो इस प्रकार से हैं:-
    १. इन-स्क्रिप्ट टंकणशैली और २. फ़ॉनेटिक इंगलिश टंकण शैली
    फ़ॉनेटिक इंगलिश टंकण शैली में हम अंग्रेजी में टाईप करते हैं तो हमें उसी के अनुरूप उच्चारण अनुसार देवनागरी पाठ्य प्राप्त होता है। लेकिन इस टंकण शैली में कार्य करने के लिये उपयोगकर्ता को अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है। जोकि हिन्दी टंकणकर्ता के लिये असुविधाजनक एवम् कठिन है। वर्तमान में हिन्दी उपयोगकर्ताओं के लिये यूनिकोड आधारित देवनागरी टंकण हेतु इन-स्क्रिप्ट टंकण शैली में टंकण की सुविधा है, लेकिन इन-स्क्रिप्ट टंकण शैली में पाठ्य को टंकण करने में अधिक समय लगता है एवम् कई जटिल हिन्दी/संस्कृत के शब्दों को शुद्ध रूप से टंकित नहीं किया जा सकता है। इसलिये कंप्यूटर पर यूनिकोड आधारित देवनागरी टाईपिंग के लिये रेमिंगटन टंकण शैली ही अधिक सरल एवम् उपयोगी है। इसमें हिन्दी/संस्कृत एवम् मराठी के जटिल से जटिल शब्दों को शुद्ध रूप से टंकित किया जा सकता है। इसके अलावा इस शैली से टंकण करने में टंकणकर्ता को अपेक्षाकृत कम समय लगता है, क्योंकि किसी शब्द विशेष को टाईप करने में कम से कम कुंजियों का इस्तेमाल करना होता है, जबकि उसी शब्द विशेष को अन्य टंकण शैली में टंकण करने में अपेक्षाकृत अधिक कुंजियों का इस्तेमाल करना पड़ता है। रेमिंगटन टंकण शैली पूर्व समय से प्रचलित होने के कारण प्रत्येक टंकणकर्ता इस शैली का अभ्यस्त है एवम् उसे कंप्यूटर पर यूनिकोड आधारित पाठ्य को रेमिंगटन टंकण शैली में टंकण करने में अत्यधिक सुविधा होगी। उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुये प्रखर देवनागरी लिपिक सॉफ़्ट्वेयर विकसित किया गया है, जिससे कंप्यूटर पर टंकणकर्ता यूनिकोड आधारित देवनागरी (हिन्दी,संस्कृत,मराठी) पाठ्य को रेमिंगटन टंकण शैली में बखूवी शुद्ध रूप से एवम् सहजता से टंकण कार्य कर सके।
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    Demo Link:- Prakhar Devanagari Lipik
    Demo Link:- Prakhar Devanagari Font Parivartak

    14 टिप्‍पणियां:

    1. बहुत विस्तृत जानकारी दी है आपने। आभार।
      -Zakir Ali ‘Rajnish’
      { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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    2. बहुत बढ़िया. रेमिंगटन कुंजीपट तो हर हिन्दी कम्प्यूटर पर डिफाल्ट रूप से रहना चाहिए था, पर क्या करें... लोगों को आम प्रयोक्ता के जरूरत की समझ ही नहीं है. धन्यवाद आपने यह औजार बनाया. इसकी कीमत इत्यादि के बारे में भी बताएं.

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    3. इस पोस्‍ट को अवश्‍य पढ़ें और इसका लाभ उठाएं। कंप्‍यूटर के माध्‍यम से हिन्‍दी के विकास में योगदान करें।
      जगदीप डांगी जी के द्वारा इस अद्भुत साफ्टवेयर को तैयार करने और उसे सामने लाने में की गई लगन और मेहनत काबिले प्रशंसनीय है। इसे प्रयोग करने में दिक्‍कत होने पर आप सीधे टिप्‍पणियों के माध्‍यम से जगदीप जी से संपर्क कर सकते हैं।
      जगदीप जी को उनके इस बेहतरीन साफ्टवेयर तैयार करने के लिए साधुवाद।

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    4. जगदीप जी इस क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं. जानकारी के लिए धन्यवाद.

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    5. वाह,बहुत ही अच्छा सॉफ़्टवेयर बताया,
      अब हिन्दी लिखना और आसान बनाया,
      अब इसका ही उपयोग किया करेगे,
      और किसी भी भाषा से नही डरेंगे,

      धीरे धीरे और भाषाओं मे आने लगेगे ऐसे सॉफ़्टवेयर,
      सारे हिन्दी ब्लॉग वर्ल्ड मे छाने लगेंगे ऐसे सॉफ़्टवेयर,
      पर थोड़ा सा इसी बात का डर है,
      अपने ब्लॉगर्स भाइयों के सेहद की फिकर है,
      टाइप और पेस्ट करना थोड़ा कम हो जाएगा,
      और उनका शारीरिक परिश्रम,
      जो भी थोड़ा करते थे,वो भी ख़तम हो जाएगा.

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    6. बहुत उपयोगी जानकारी। जगदीप जी तक कृपया बधाई पहुंचाएं।

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    7. बहुत उपयोगी जानकारी । धन्यवाद ।

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    8. नए औजार के लिए बधाई ।।

      हम कुछ कन्‍फ्यूज हो रहे हैं... रवि भाई की टिप्‍पणी इस भ्रम को बढ़ा रही है। हम सदैव से रेमिंग्‍टन लेआऊट में यूनीकोड टाईप करते आ रहे हैं इसके लिए इंडिक आईएमई इस्‍तेमाल करते हैं जो कम सम कम आधा दशक से तो है ही... कैफे हिन्‍दी, यूनीनागरी भी रेमिंग्‍टन लेआऊट देते ही हैं... हिन्‍दी लिपिक की नवीनता थोड़ा और उजागर की जाएं

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    9. मसिजीवी जी की बात का पूर्णतया समर्थन करते हुए मैं भी अपने ज्ञान में बढ़ोत्तरी करना चाहूँगा।

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    10. बहुत उपयोगी जानकारी ।

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    11. बहुत अच्छा काम किया है।बधाई।

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    12. अच्छाई - इस सॉफ्टवेयर में इण्डिक आइऍमई में आने वाली हलन्त वाली समस्या नहीं है। वैसे इण्डिक आइऍमई के नये संस्करणों में शायद यह दूर कर ली गयी है लेकिन स्पेस वाली दूसरी समस्या आ गयी है।

      कमी - आज वर्चुअल कीबोर्ड (आइऍमई) का समय है जिनसे कम्प्यूटर पर अंग्रेजी की तरह कहीं भी लिखा जा सकता है। वहीं इस औजार में कॉपी-पेस्ट का झंझट है। बेहतर होता कि दाँगी जी इस काम के लिये एक आइऍमई जैसा औजार बनाते।

      खैर कुल मिलाकर हिन्दी सम्बन्धी किसी भी औजार का स्वागत किया जाना चाहिये। बाकी किसी भी औजार को बनाने में जो मेहनत लगती है वह मैं जानता हूँ।

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    13. दाँगी जी का प्रयास सराहनीय है परन्तु इस रिपोर्ट में कई गलतियाँ हैं। लेख में गलत रुप से रेमिंगटन को इन्स्क्रिप्ट से बेहतर बताया गया है जबकि असलियत इसके विपरीत है।
      "अभी तक कोई भी हिन्दी का ऐसा सॉफ़्टवेयर उपलब्ध नहीं था जो कि कम्प्यूटर उपयोगकर्ता को यूनिकोड आधारित हिन्दी पाठ्य रेमिंगटन की-बोर्ड लेआउट में लिखने की सुविधा प्रदान कर सका हो!"
      इण्डिक आइऍमई तथा कैफे हिन्दी टाइपिंग टूल काफी समय से यूनिकोड में रेमिंगटन की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। इण्डिक आइऍमई तो पाँच साल से भी पुराना है। इन दोनों के अलावा सीडैक के भी कुछ कीबोर्ड ड्राइवर रेमिंगटन लेआउट हेतु काफी पहले से उपलब्ध हैं।
      "फ़ॉनेटिक इंगलिश टंकण शैली में हम अंग्रेजी में टाईप करते हैं तो हमें उसी के अनुरूप उच्चारण अनुसार देवनागरी पाठ्य प्राप्त होता है। लेकिन इस टंकण शैली में कार्य करने के लिये उपयोगकर्ता को अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है।"
      फोनेटिक टंकण के लिये अंग्रेजी का ज्ञान नहीं चाहिये बस एबीसीडी आनी चाहिये। फोनेटिक से टाइप करने के लिये अंग्रेजी में नहीं वरन रोमनागरी (bharat = भारत, ram = राम) में लिखा जाता है जिसे टाइपिंग औजार (आइऍमई) रियल टाइम में यूनिनागरी में लिप्यन्तरित करता है।
      "वर्तमान में हिन्दी उपयोगकर्ताओं के लिये यूनिकोड आधारित देवनागरी टंकण हेतु इन-स्क्रिप्ट टंकण शैली में टंकण की सुविधा है, लेकिन इन-स्क्रिप्ट टंकण शैली में पाठ्य को टंकण करने में अधिक समय लगता है एवम् कई जटिल हिन्दी/संस्कृत के शब्दों को शुद्ध रूप से टंकित नहीं किया जा सकता है।!"
      बिलकुल गलत, हकीकत इससे उल्टी है। इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड में सभी देवनागरी चिह्न उपलब्ध होते हैं जबकि रेमिंगटन में कई देवनागरी चिह्न नहीं होते जिस वजह से रेमिंगटन से कई हिन्दी/संस्कृत शब्दों को शुद्ध-अशुद्ध तो तो छोड़िये किसी भी तरह टंकित ही नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिये- ॐ, लाघव चिह्न (॰), दीर्घविराम (॥), अवग्रह (ऽ), उदात्त/स्वरित (॑), अनुदात्त (॒), भारतीय रुपया चिह्न (₹), ॠ, ॄ, ॡ, ॢ, ऌॄ, ॣ, ऒ, ॊ, ऎ, ॆ, स्ट्रैस मार्क्स (॓, ॔) तथा सिंगल बाइट नुक्ता वर्ण आदि। मैं इस औजार की बात नहीं कर रहा, इसमें तो शायद इन्हें ऑनस्क्रीन कुञ्जीपटल में डाल दिया गया होगा लेकिन रेमिंगटन लेआउट में ये सब नहीं होते। दूसरी तरफ इन्स्क्रिप्ट में न केवल ये सब वर्ण शामिल हैं बल्कि इससे किसी भी यूनिकोडित देवनागरी वर्ण को टंकित किया जा सकता है।
      "इसलिये कंप्यूटर पर यूनिकोड आधारित देवनागरी टाईपिंग के लिये रेमिंगटन टंकण शैली ही अधिक सरल एवम् उपयोगी है। इसमें हिन्दी/संस्कृत एवम् मराठी के जटिल से जटिल शब्दों को शुद्ध रूप से टंकित किया जा सकता है।"
      गलत, रेमिंगटन कीबोर्ड से यह टाइप करके दिखाइये - लो॒को॑ऽसि स्व॒र्गो॑ऽसि।
      "इसके अलावा इस शैली से टंकण करने में टंकणकर्ता को अपेक्षाकृत कम समय लगता है, क्योंकि किसी शब्द विशेष को टाईप करने में कम से कम कुंजियों का इस्तेमाल करना होता है, जबकि उसी शब्द विशेष को अन्य टंकण शैली में टंकण करने में अपेक्षाकृत अधिक कुंजियों का इस्तेमाल करना पड़ता है।"
      रेमिंगटन में फोनेटिक से कम कुञ्जियाँ दबाने वाली बात तो सही है लेकिन इन्स्क्रिप्ट से नहीं। मैं एक प्रोग्राम बना रहा हूँ जिससे किसी टैक्स्ट को लिखने में दबायी गयी कुञ्जियों की संख्या पता चल सके, उससे यह सही पता चल सकेगा कि रेमिंगटन और इन्स्क्रिप्ट में से किसमें कम दबानी पड़ती हैं। पर यह बात तय है कि गति इन्स्क्रिप्ट की रेमिंगटन से कोई कम नहीं।
      "रेमिंगटन टंकण शैली पूर्व समय से प्रचलित होने के कारण प्रत्येक टंकणकर्ता इस शैली का अभ्यस्त है।"
      "प्रत्येक टंकणकर्ता" की जगह "अधिकतर पुराने टंकणकर्ता" होना चाहिये था।
      इसके अतिरिक्त रेमिंगटन में इन्स्क्रिप्ट से कम समय लगने वाली बात भी गलत है। ये दोनों टच टाइपिंग विधियाँ हैं, दोनों ही तेज गति देती हैं। हालाँकि इन्स्क्रिप्ट सीखना सरल है जबकि रेमिंगटन सीखना बहुत कठिन। तो सही बात यह है कि जिन्हें पुराने जमाने से रेमिंगटन आती है उनके लिये वह ठीक है और नये सीखने वाले के लिये इन्स्क्रिप्ट ठीक है।

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