ये सब असली समस्याओं से ध्यान हटाने का तमाशा है। तमाशे के नाम पर ढेर सारा पैसा आएगा और तमाम लोगों की तिजोरियां भर जाएंगी। नल पर पानी भरती बाई और नल सुधारने वाला भैया जहां का तहां रहेगा। पानी की समस्या जहां की तहां रहेगी। आप देखिए न कि एडस के नाम पर क्या-क्या हो रहा है।
यह तो यथार्थ है, व्यंग्य नहीं।
जवाब देंहटाएंजैसे हर माँ को अपना बेटा सबसे प्यारा नज़र आता है....ठीक वैसे ही हर किसी को अपना दुख सबसे बड़ा नज़र आता है ...
जवाब देंहटाएंकार्टून बढिया है
मूलभूत सुविधाओं की कमी से रोज मौत के मुंह में जा रहे लोगों को भला स्वाइन फ्लू से क्या तकलीफ हो सकती है ?
जवाब देंहटाएंये सब असली समस्याओं से ध्यान हटाने का तमाशा है। तमाशे के नाम पर ढेर सारा पैसा आएगा और तमाम लोगों की तिजोरियां भर जाएंगी। नल पर पानी भरती बाई और नल सुधारने वाला भैया जहां का तहां रहेगा। पानी की समस्या जहां की तहां रहेगी। आप देखिए न कि एडस के नाम पर क्या-क्या हो रहा है।
जवाब देंहटाएंसच में, पर नेता तो इसे नहीं समझते। वे आज भी फालतू की चीजों में जनता को उलझा रहे हैं।
जवाब देंहटाएं-जाकिर अली रजनीश
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SBAI / TSALIIM