मीडिया में पे कमीशन की बातें पढ़-सुन कर ऐसा लगता है कि मानो,
सभी सरकारी बाबू लोग अब मर्सिडीज़ गाड़ियों में घूमेंगे,
और निजी जेट विमानों में उडेंगे.
ताजमहल होटलों में रहेंगे,
फ्लैटों की तरफ तो वो थूकने भी नहीं जायेंगे.
हज्जार- हज्जार के लाल नोटों से नाक पोंछेंगे.
उनके बच्चे लन्दन और न्यू यार्क में पढ़ेंगे,
उनके कपड़े फैशन शो वाले लोग डिज़ाइन करेंगे,
और वो धुलने पेरिस जाया करेंगे.
उनकी जाहिल बीवियां अब सिर्फ ग्रीक और लेटिन बोलते हुए
पांच सितारा होटलों में रमी खेलेंगी,
बाबू लोग क्यूबन सिगार और पाइप पियेंगे.
उनके विदेशी कुत्तों को सैर करवाने सेठ लोग निकला करेंगे.
उनकी तनख्वाह और उनकी दफ़्तरी फ़ाइलों का हिसाब रखने को
प्राइस वाटर हाउस और KPMG में झगडे होंगे.
उनकी शामें रंगीन करने के लिए हॉलीवुड से बालाएं आयेंगी
और शाहरुख खान नाचेंगे.
मीडिया के मालिकों के विकट बुद्धिजीवियों को चिंता खाए जा रही है
की ऐसे में तो,
देश गड्ढे में जाने ही वाला है.
बहुत बुरा होने वाला है,
बाबू आपने काम से भटक जायेंगे.
हे प्रभु,
ये तू क्या करवा रहा है.
खैर बाबू, तू उदास न हो
ऊपर पढ़ और चिंतकों की मानिंद मस्त हो जा,
तेरे दिन तो अब फिरने ही वाले हैं
बस चंद दिन की ही बात है.
बस्स चंद दिन की ही तो बात है.
---काजल कुमार
बहुत अच्छा लिखा है ..
जवाब देंहटाएंहमसे भी यही कहा गया था की अब पर्स छोटा पड़ जाएगा ...नोट रखने के लिए रजाई के खोल बनवा लो ....ये सब मीडिया की चाल थी ....जब आयोग की पहली तनखाह आई तो पाया की हमेशा की तरह फिर मूर्ख बन गए
जवाब देंहटाएंकहीं ऐसा न हो जाए
जवाब देंहटाएंजो चंद दिन हैं
वे पहले से मिल रहे हैं उनको भी
चांद जितना दूर बना दे
जो दिखता नजदीक है
पर होता सदा दूर है
जो चंद हैं हमारे पास
वो भी न हो जाएं कहीं बंद।
बहुत बढ़िया लिखा है,
जवाब देंहटाएंइतने पैसे मिलेंगे,सरकारी दफ़्तरों के अफसरों को,
पे और पेंशन दोनो दमदार होने वाला है,
सरकार का इस कमीशन से बेड़ा पार होने वाला है,
और अब हर सरकारी बाबू ही खुद मे सरकार होने वाला है.
वाकई आपने सही चित्रण किया है ।
जवाब देंहटाएंशेफाली से सहमति
जवाब देंहटाएंमैं इतना कहना चाहता हूं कि निकम्मे कामचोर अधिकारियों और कर्मचारियों को बाहर किया जाना चाहिये. मीडिया हमेशा ही बात को बहुत बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत करती है. बल्कि आप सरकारी अफसरों का हाल देखें तो चौंक जायेंगे, नये अफसर के आने पर तमाम इन्टीरियर का बदला जाना, उनका फोन बिल, टीए-डीए, दर्जन भर सरकारी कर्मचारी उनके घर पर सेवा के लिये, गाड़ी में बच्चों की घुमाई, इन दीमकों को जड़ से निकाला जाये और काम करने वाले को पुरुस्कृत किया जाये.
जवाब देंहटाएंशेफाली से सहमति
जवाब देंहटाएंbahut sahi likha
जवाब देंहटाएंbahut badiya.... kajalji aap k naam ka kajal aapki is rachna par ...kahi nazar na lage aap k lekhan par...
जवाब देंहटाएं"पे" पर भी कमिशन देना पड़ेगा।
जवाब देंहटाएंहा हा हा बहुत उम्दा व्यंग्य है, काजल भाई