महिला दिवस पर ही हाय-हाय क्यों??????? ऐसे कुछ भी न बदलेगा

आजअतंरराष्ट्रीय महिला दिवस है । सबसे पहले सभी को शुभकामनाएं । मैं कुछ ज्यादा नहीं कहने और लिखने वाला नहीं हूँ । बस यही बात जेहन में है कि महिलाओं की दशा समाज में जो भी है क्या आज के ही दिन ज्यादा उबाल मारती है ? या फिर आज के मौके को भुनाना सभी को अच्छा लगता है ? कई पोस्ट आयी हैं अनके विषयों पर । मैंने पढी और अच्छा भी लगा । पर दुखद यह है कि यह सब हकीकत में हो रहा है । समाज में स्त्री की जो दशा है वह सभी जानते हैं । उच्च से निम्म स्तर तक की महिलाएं है उनकी अलग- अलग समस्याएं है । कितनी भारत की ऐसी महिलाएं हैं जो कि ये जानती हैं कि आज कौन सा दिवस है और इसका सही मायनों में क्या अर्थ है ?

आज इस दिवस के उपलक्ष्य में खूब सारे रंगारंग कार्यक्रम जरूर होगें इसके सिवा कुछ भी नहीं । हो सकता है कल ही भूल जायें फिर वही आम जिंदगी । बदलाव कुछ भी नहीं । ऐसे काम नहीं बनने वाला है । महिला दिवस हो या न हो पर जरूरी है कि महिलाओं की दशा और दिशा में कैसे सुधार हो वर्ना मेरे अनुसार इससे महिला उत्थान होने वाल नहीं सिवाय हो हल्ला के अलावा। इसलिए हाय हाय करने का आज कोई खास फायदा न होगा ।

5 टिप्‍पणियां:

  1. सही बात है. सिर्फ महिला अधिकारों पर ढोल पीटने से कुछ नहीं होगा. यहाँ एसी कारों में बैठकर सिगरेट का धुंआ उडाने वाली महिलाएं महिला अधिकारों के बात करती है. जाने और कौन से अधिकार चाहिए उनको? अरे कभी भारत के गाँव- देहातों में जाकर देखो. वहाँ बस्ती है असली भारतीय महिलाएं. वहाँ बस्ती है मदर इंडिया. जिनके लिए अधिकारों से ज्यादा ज़रूरी है अपने बच्चों के लिए दो वक्त के रोटी का इंतजाम करना.

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  2. बर्थडे पर ही हैप्पी बर्थ डे क्यू?
    होली पर हि भगोरिया क्यूँ ?
    दीवाली पर ही दीये क्यूँ ?

    समझ में नहीं आता औरतों के एक दिन मनाने पर इतना दर्द क्यूँ हो रहा है? और ये दिन आसमान से नही टपका इसका एक इतिहास है भाई साहब और भविष्य भी…

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  3. सही कहा ... हो हल्‍ला करने से कुछ नहीं होने वाला ... हमें काम करना होगा ... विश्‍व की सभी महिलाओं को महिला दिवस की बधाई।

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  4. तो भैया इस हल्ले से भी क्या होगा? बताइये कुछ होगा?

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  5. ek din mahilaaon ka bhi sahee .....sthiti bahut badal gaee hai....aage aur badlegee..

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