" समंदर की लहरों के बीच " .....अच्छा लगता है मुझको......

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  • समंदर के लहरों को छू कर आती हुई,
    ठंडी- ठडी हवाएं,
    रेत पर चलते हुए पीछे छूटते ,
    कदमों के निशां,
    और
    एक लहर की पास आती आवाज
    के साथ ,
    पैर पर पानी का गुदगुदी करना ,
    कदमों की रेत को बहा ले जाना,
    चहल कदमी करते हम दोनों ,
    चले जाते दूर तक,
    चारों तरफ शांत आकाश
    और
    पंछियों की आवाज के साथ ,
    अच्छा लगता है चलना हम को ,
    खामोश एहसास ,
    ये नजदिकियां ,
    बिन कहे ही ,
    प्यार बिखेरती है।
    शाम से रात का होना ,
    दूर के प्रकाश का झिलमिलाना,
    और पीछे मुडकर पीछे देखना
    सफर को अपने,
    फिर उन्हीं रास्तों पर वापस आ जाना,
    अच्छा लगता है ।
    लोगों का आना - जाना,
    चहल पहल से दूर,
    कितना सौन्दर्य नजर आता है ,
    प्रकृति में ,
    वक्त दो वक्त का गुजरा पल,
    मन को खुशी दे जाता है ,
    कभी-कभी जाकर देखों
    इनको तुम ,
    ये सब कितना ,
    भाता है ।
    समंदर की लहरों के बीच चलना ,
    अच्छा लगता है ।

    6 टिप्‍पणियां:

    1. दिल को छूता एक कोमल अहसास है।

      बधाई स्वीकारें।

      -विश्व दीपक

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    2. भई वाह, बहुत खूब, आप तो मुझे समुन्दर के किनारे ही ले गये. लेकिन मैं तन्हाई ज्यादा पसन्द करूंगा.

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    3. समुद्र के किनारे
      होती है जितनी
      तन्‍हाई उससे
      अधिक नहीं
      होती है जी
      गहराई
      समुद्र की।

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    4. bahut khoob bhav aapke aur avinash ji ke bhi.main bhi unki baat se sahmat hoon.

      जवाब देंहटाएं
    5. सागर की गहराई दिल से कम है,
      भावॉ की चंचलता के आगे लहरॅ कम हैं,
      पक्षियॉ की आवाज़ तो है ही मीठी,
      क्या तेरे प्यार की आहट किसी से कम है?

      किसी बच्चे के हाथॉ से थाप ले के देख-
      क्या वो किसी सागर की लहर से कम है??

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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