शब्दों का सफर
अजित वडनेरकर
मौजूद हैं आज
नवभारत टाइम्स पर।
जिसे बता रहे हैं
अनुराग अन्वेषी
शब्दों की खिचड़ी
वो वास्तव में है
पुलाव सुगंधमय।
अजित वडनेरकर के शब्दों का सफर
निराला है आला है
शब्दों ने सबको भीतर तक रंग डाला है
यह रंग है शब्दों का
जो तरंग का सफर बन
रोज निखर रहा है।
अजित जी वाकई विश्वजीत बनेंगे
उनके शब्दों के रंग
रंग सबके बनेंगें
फूल खिलेंगे
हंसी खिलखिलाएगी
भूख लगेगी दिमाग में
तो दिमाग में
शब्द खपाई भी होगी।
भारी भरकम शब्द
अपने मायने
पर मायने सच्चे अर्थों में
अजित जी निखारेंगे
शब्दों की नई दुनिया रच डाली है
अर्थ सबका ढूंढ निकालेंगे।
हम सब मोहित हैं
वे शब्दों का सच्चा अर्थ हैं
इस अर्थ पर अजित वडनेरकर
सदा सार्थक हैं।
पर आपको
क्या जचता है
बतायें हमें
तो जानें सभी
पर अभी
के अभी।
शब्दों का सफर : अजित वडनेरकर : आज नवभारत टाइम्स में
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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अजित सच मे अजित है।शब्द उससे जीत नही पाते,हमेशा जीतता है वही।
जवाब देंहटाएंअजित भाई को बहुत बधाई और आपका आभार.
जवाब देंहटाएंअजित जी को बहुत-बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंऔर आपका शुक्रिया इस ख़बर को यहाँ बांटने के लिए ।
पर आपको
जवाब देंहटाएंक्या जचता है
बतायें हमें
तो जानें सभी
पर अभी
के अभी।
bahut sunder
regards
अजितभाई, बधाई। आप इससे ज्यादा के हकदार हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है आपने. साधुवाद
जवाब देंहटाएं