भड़ास से अलग हो गया हूं मैं ?

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • ब्लॉग पर हो रहे हैं झगड़े
    और मैं झगड़ों से रहता हूं दूर
    मुझे नहीं पसन्द हज़ूर .

    जब हो जायें दूर
    गिले शिकवे
    और लड़ लें
    सब भरपूर
    तब मुझे
    बतलाना ज़रूर
    मैं आ जाऊंगा हज़ूर.

    पर गाली गलौच
    को नाम देना
    भड़ास
    मुझे नहीं
    मंज़ूर.

    इसलिये होता हूं
    दूर
    इसे बुरा मत मानें
    जाने और अनजाने
    सभी मित्र मेरे.

    5 टिप्‍पणियां:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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