चिट्ठाकारों के स्वर्ण कलम 2007 पुरस्कार

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • पुरस्कार नहीं नैनो कार चाहिये
    1 मुझे 1 किर्तीश भट्ट को दिलाइये
    उन्होंने कार्टून बनाये
    मैंने नहीं बनाये.

    वरिष्ठों को दे रहे हैं
    कोई एतराज़ नहीं
    भ्रष्टों को नहीं
    इसकी खुशी है.

    हम भ्रष्ट भी नहीं
    वरिष्ट भी नहीं
    हमें सांत्वना ही दे दो.

    सांत्वना स्वरुप हौसला
    ही दे दो, पर कुछ तो
    दे दो, जब दे रहे हो
    तो नैनो कार ही दो.

    6 टिप्‍पणियां:

    1. नेनो कार बंट रही है तो हम भी लाइन में खड़े हैं जी

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    2. मुझे भूल गए बन्धु.....
      नैनो ने नयना लडाने को हम भी हैँ लाईन में...

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    3. mujhe gareeb ko bhi neno chayie..ho sakey to petrlo bharva ke dey....apni jeb to ise haal mein bhi nahi ke usey jeet, chal ghar tak le ja sakey....

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    4. पुरस्कार की नैनो कॉपी भिजवायी जायेगी :)

      बहुत खुब लिखा है.

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    5. wah ! wah! bahut badhiya kavita nano par-:)
      na jaane kitno ko prerit kiya hai is 'nano' ne--hum bhi intzaar mein hain 'nano se 'milne'-

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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