देह का सफर पूरा
विचारों का जारी।
आवारा मसीहा के मसीहा
विष्णु प्रभाकर
की सिर्फ देह का
अंत हुआ है
विचार उनके
जीवित रहेंगे सदा सर्वदा।
आज से हम सब उन्हें
मन में महसूस पाएंगे
मानस में उनके विचारों की
ज्वाला धधकती पाएंगे
इसी तरह उन्हें याद
सदा करते नजर जाएंगे।
बी 151, महाराणा प्रताप एनक्लेव, रानी बाग,
दिल्ली से दोपहर 2 बजे उनकी देह,
जो उनकी नहीं थी,
(पर सभी समझते हैं कि देह अपनी होती है
इन नामसमझों में मैं भी शामिल हूं)
का अंतिम सफर शुरू होगा।
नुक्कड़ समूह (पाठक एवं लेखक)
अपने श्रद्धासुमन आदरणीय प्रभाकर जी को
समर्पित करता है इस भावना के साथ
कि परमपिता परमात्मा उनके विचारों को
मंथन के नित नए सोपान दे।
यह सूचना आशीष कुमार 'अंशु' (
बतकही) के एस एम एस यानी संदू से मिली। कुछ माह पहले जब मित्र पवन चंदन (
चौखट) के साथ श्री श्याम विमल (नोएडा) जी से उनके आवास पर मिलना हुआ था तब माननीय विमल जी ने उनसे हुई मुलाकात का जिक्र किया था।
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