जिंदगी एक धागे का बंडल है।

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  • तरूण जोशी " नारद"
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    जिंदगी एक धागे का बंडल है।

    इस बंडल मंे लिपटे हैं लम्हें कई।

    परत दर परत खुलते जाते हैं। 

    इक छोर से दूजे छोर तक फिसलते हुए।

    फिर एक चक्क्र पूरा होता है,

    जैसे हुआ एक अध्याय पूरा।

    अगले ही लम्हें मंे परत बदल जाती हैं, 

    जैसे कलेंडर में हो साल नया।

    बस अनवरत चलता रहता है,

    डोर की माला बढती जाती है।

    और इक पल में जिंदगी की राह

    ये गुजर जाती है।

    मैं सोच रहा हुं  कि ये क्या हुआ,

    समझ ना सका ये तू था मेरे खुदा।

    हर पल तुने ये क्या करिश्मा दिखाया

    इस अदने पुतले का भी इक हस्ती बनाया ।।

    सोच में में अपनी मगरूर था,

    ना जाने किस बात का गुरूर था ।

    मगर तू तो मुझमें बसा रहा,

    पर मुझे ना कोई इल्म ना सुबुर रहा।।

    रब मेरे, मेरे जीवन के खेवन

    तेरा बचपन, तेरा यौवन

    तेरा हर पल, तेरी खुशियां

    हंसते हंसते लेंगे ये गम।

    तुमने जो कुछ दिया स्वीकारा

    देखो चरखी अब भी घूम रही हैं, 

    धीरे धीरे  आगे को बढ़ रही है, 

    हर पल लम्हें को लील रही हैं

    तुम इस तरह से हमें बदल रहें

    पल पल हम जीना सीख रहे।

    और उस इक लम्हे के इंतजार में

    ये आखिरी कतरे तक पंहुच रहे।।

    अब ए खुदा बस छोड दे इस चकरी को

    उड जाने से पतंग को आजादी से

    अब ये रूह मेरी तेरी हो गई हमेशा के लिए

    मुक्त हो गया इन लम्हों की उलझन से।

    चलो अब सोचते हैं, कि क्या किया,

    किससे क्या लिया औ क्या दिया।

    जीवन का पूरा चक्र अब फिर से दोहराना है,

    इस जन्म मंे भी मुझको अपनों को अपनाना है।

    कुछ अपने जो रूठ गए है,

    कुछ पीछे छूट गए हैं।

    कुछ के पीछे जाते जाते 

    हम कबके ही टूट गए हैं।।

    इस जीवन को क्या हम समझें

    समझना चाहें हम तुमकों ईश्वर।

    जिस दिन समझ लिया तुझको

    नही भाएगी ये दुनिया नश्वर।।


    इस कृति को यहीं अधूरी छोडकर हम बढते हैं।

    ईश्वर तुम सब लिखते हो हम तो केवल पढते हैं


    Tarun Joshi "NARAD"



    3 टिप्‍पणियां:

    1. नुक्कड़ में हलचल हुई अच्छा लगा ।

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    2. ईश्वर तुम सब लिखते हो हम तो केवल पढते हैं
      शुभकामनाएँ
      वंदन

      जवाब देंहटाएं
    3. जीवन चक्र कभी थमता नहीं है,,,,,
      बहुत अच्छी प्रस्तुति

      जवाब देंहटाएं

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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