नुक्कड़ भी अचानक से , ही अनाथ हो गया !
ऐसा भी क्या हुआ, ये चमन ख़ाक हो गया !
अविनाश के जाते ही,कुछ सुनसान सा लगे
ब्लॉगिंग में मुन्नाभाई भी, इतिहास हो गया !
कितने दिनों से लड़ रहा था, मौत से इकला
जीवन में जी लिए हैं, ये अहसास हो गया !
जीवन में जी लिए हैं, ये अहसास हो गया !
दर्दों में भी हँसता रहा, अविनाश अंत तक
आखिर ये ज़ज़्बा मस्त भी खलास हो गया !
इक दिन तो मुन्ना भाई,वहां हम भी आएंगे,
नमन श्रद्धांजलि ।
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि । ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे ।
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉगिंग गुरु अविनाश भाई हमेशा यादों में ज़िंदा रहेंगे!
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएं:(
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