विश्व कप फ़ुटबाल का जुनून देश भर में
साफ़ नज़र आ रहा है तो फिर सुदूर पूर्वोत्तर
में असम इससे अछूता कैसे रह सकता है. फ़ुटबाल का खुमार पूरे असम में समान रूप से
छाया हुआ है. यहाँ बच्चों से लेकर बड़े तक फ़ुटबाल के रंग में रंग गए
हैं. असल बात यह है कि लड़कियां भी इस मामले में पीछे नहीं है. अब तो वे कई लोगों
की प्रेरणा का स्त्रोत बन गयी हैं. गुवाहाटी के पास रानी क्षेत्र की
लड़कियां अपनी लगन,निष्ठा और कुछ कर दिखाने की ललक के फलस्वरूप इन दिनों राष्ट्रीय
स्तर पर सुर्खियों में हैं. अत्यधिक गरीब किसान और मजदूर परिवारों की इन लड़कियों
के लिए फ़ुटबाल सिर्फ एक खेल न होकर अपनी ज़लालत भरी ज़िन्दगी से बाहर निकलने का एक
माध्यम भी है. लड़कियों को उम्मीद है कि इस खेल से वे समाज में सम्मान हासिल कर
सकती हैं और फिर इसके जरिए अपने बेहतर भविष्य की नींव रख सकती हैं. गर्मी,उमस और
बरसात के बाद भी वे फ़ुटबाल खेलने के लिए अपने गाँव से प्रतिदिन कई किलोमीटर पैदल
चलकर गुवाहाटी आती हैं. जो इस....
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