क्या हमारे देश में इतनी भी
क्षमता नहीं है कि हम समंदर में डूबते किसी जहाज़ या पनडुब्बी को खींचकर बाहर निकाल
सकें? या उसे फटाफट काटकर उसमें फँसे लोगों को सुरक्षित बचा सकें? इसीतरह के अनेक सवाल
मेरी तरह स्वाभाविक रूप से कई लोगों के दिमाग में आए होंगे जब उन्होंने टीवी
न्यूज़ चैनलों और समाचार पत्रों में भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिन्धुरक्षक
को धमाकों के बाद मुंबई के समुद्री तट पर डूबते देखा होगा. दरअसल हकीकत में यह हादसा
इतना सहज नहीं था जितना देखने में लगता है. तकनीकी जानकारी के अभाव और पनडुब्बी की
बनावट एवं कार्यप्रणाली की पूरी तरह से समझ नहीं होने के कारण हम इसे भी कार-बस के
नदी में डूबने जैसी सामान्य दुर्घटना की तरह ही समझ रहे हैं जबकि वास्तविकता यह है
कि समन्दर में डूब रहे
aage padhe:www.jugaali.blogspot.in
कृष्ण-जन्माष्टमी की कोटि कोटि वधाई !
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा की है आप ने !!
!
धन्यवाद प्रसून जी
हटाएं