नुक्‍कड़ के लेखक और सुपरिचित कार्टूनकार असीम त्रिवेदी का अनशन आम आदमी केजरीवाल ने समाप्‍त करवाया



आईटी एक्ट की धारा 66 A के खिलाफ 8 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे सेव योर वाइस के सदस्य कार्टूनिस्ट और एक्टिविस्ट असीम त्रिवेदी ने आज आठवें दिन अपना अनशन समाप्त कर दिया. इस मौके पर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल भी अनशनस्थल पर पहुंचे और जूस पिलाकर अनशन समाप्त करवाया.
कल शुक्रवार को आईटी मिनिस्टर कपिल सिब्बल के आवास पर बातचीत करने गए असीम, आलोक और अन्य लोगों पर पुलिस ने मारपीट करने और लाठियां बरसाने के बाद इनकी तबियत और बिगड़ गयी थी. लगातार बिगडती सेहत और चिकित्सकों की सलाह के बाद अनशनकारी असीम और आलोक ने अपना अनशन वापस ले लिया.
आज 11 बजे जंतर-मंतर पर अरविन्द केजरीवाल ने अनशनस्थल पर पहुँचकर असीम और आलोक से अनशन वापस लेने का आग्रह किया. इस दौरान अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए आईटी एक्ट के 66 A के  खिलाफ चल रही इस लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस एक्ट के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाया जायेगा. उन्होंने सभी युवाओं से इस एक्ट के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए कहा. अरविन्द ने शुक्रवार को आईटी मिनिस्टर कपिल सिब्बल से बातचीत करने गए असीम, आलोक और सेव योर वाइस के अन्य सदस्यों को पुलिस द्वारा जबरन मारपीट कर थाने ले जाने की घटना की निंदा की और संप्रग सरकार पर बरसते हुए कहा की ये सरकार किसी की बात सुनने वाली नहीं है. 
इस दौरान कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी ने कहा कि अनशन समाप्त करने का मतलब यह नहीं है कि उनकी लड़ाई ख़तम हो गयी है. उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट 66 A के खिलाफ लड़ाई के लिए नयी रणनीति बनायीं जाएगी. देशभर में अलग-अलग शहरों के स्कूल-कालेजों में जाकर युवाओं को आईटी 66 A के खिलाफ चल रहे सेव योर वाइस के अभियान से जोड़ा जायेगा. उन्होंने कहा कि यह सरकार बहरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि ये कैसे सांसद और कैसे प्रतिनिधि हैं, जो जनता की आवाज तक नहीं सुनते. असीम ने कहा कि छह दिन तक अनशन करने के बाद भी जब सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो वे बात करने कपिल सिब्बल के आवास पर गए थे, लेकिन बातचीत करने के बजाय पुलिसिया बल का प्रयोग करके उनको और अन्य साथियों को जबरन गिरफ्तार कर लिया गया.
अनशनकारी आलोक दीक्षित ने इस मौके पर कहा कि इस अनशन के बाद वे और भी जोरदार तरीके से इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे. देशभर के ब्लागर्स और इंटरनेट यूजर्स को इस अभियान से जोड़ेंगे और मिलकर सरकार पर इस काले कानून को हटाने का दबाव डालेंगे.

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