मोमबत्तियां जलाएंगे
घर पर नहीं
इंडिया गेट जाएंगे
चलें चाहें हवाएं
हमें तो मोमबत्ती जलानी है
बिना बिजली के
रोशनी लानी है
रोशनी जिससे डरकर
भ्रष्टाचार छिप जाए
रोशनी जिससे डरकर
नहीं खिंचकर आते हैं
परवाने
मच्छर
किंतु नहीं आता
भ्रष्टाचार
कोशिश तो करें
शायद मोमबत्ती की लौ में
भ्रष्टाचार जल मरे
काला धन आए
खिचंकर लौ से
और काला हो जाए
सरलता से पहचाना जाए
यह नहीं भी हो पाएगा
तब मन का कालापन
तो मिटने का सबब बनेगा
एक सबक बनेगा
तो आइए
मोमबत्ती जलाइए
अपने घर पर तो
रोज जलाते हैं
आज के दिन
इंडिया गेट पर
जलाने आइए।
देश को रोशन करने के लिए मोमबत्तियां जलाने 2 अक्टूबर 12 की शाम को 6 बजे इंडिया गेट पहुंचें
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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2 october,
candle march,
india gate
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अपने घर पर तो
जवाब देंहटाएंरोज जलाते हैं
आज के दिन
इंडिया गेट पर
जलाने आइए।
बहुत खूब, किसी न किसी को मोमबत्ती जलानी ही पडेगी,,,
RECECNT POST: हम देख न सके,,,