देश में इन दिनों ‘राष्ट्रीय पेय’ को लेकर बहस जोरों
पर है. इस चर्चा की शुरुआत योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने की
है. उन्होंने चाय को राष्ट्रीय पेय बनाने का सुझाव दिया है. अहलुवालिया का मानना
है कि देश में दशकों से भरपूर मात्रा में चाय पी जा रही है इसलिए इसे राष्ट्रीय
पेय का दर्जा दे देना चाहिए. इस बात में कोई दो राय नहीं हो सकती कि किसी एक पेय
को राष्ट्रीय पेय का दर्जा दिया जाना चाहिए.जब देश राष्ट्रीय पशु,पक्षी,वृक्ष इत्यादि
घोषित कर सकता है तो राष्ट्रीय पेय में क्या बुराई है? यह भी देश को एक नई
पहचान दे सकता है और परस्पर जोड़ने का माध्यम बन सकता है. हां ,यह बात
आगे पढ़े:www.jugaali.blogspot.com