सर्वदा उदार प्रेयसी है वो..!!

Posted on
  • by
  • बाल भवन जबलपुर
  • in
  • Labels:


  • छवि: साभार-बीबीएन
     मृत्यु तुमसे भेंट तय है. तुम से  इनकी उनकी सबकी   भेंट भी तय है. काल के अंधेरे वाले भाग में छिप कर बैठी है अनवरत लावण्या  तुम्हारी प्रतीक्षा है मुझे. अवशेष जीवन के निर्जन प्रदेश में अकेला पथचारी यायावर मन सहज किसी पर विश्वास नहीं कर पाता. सब कुछ उबाऊ जूना सा पुराना सा लगता है. 
                    मदालस-अभिसारिका यानी मृत्यु सामने होती हो तो सब के सब सही सही  और बेबाक़ी से बयां हो जाता है. कुछ तो तुम्हारे सौंदर्य से घबरा जाते हैं.. हतप्रभ से अवाक अनचेते हो जाते हैं. उसके आलिंगन से बचने बलात कोशिशों में व्यस्त बेचारे क्या जाने कि जब मृत्यु आसक्त हो तब स्वयं विधाता भी असहाय होता है..कुछ न कर सकने की स्थिति में होता है  सुन नहीं पाता रिरियाती-याचना भरी आवाज़ों को . सच्चा प्रेमी कभी भी मृत्यु से भयातुर नहीं होता न ही बचाव के लिये विधाता को पुकारता है. बस  नि:शब्द बैठा अपलक  पास आते तुम्हारे मदिर लावण्य को निहारता है.और जब क़रीब आती है तो बस कुछ खो कर बहुत कुछ पाने का एहसास करता हो जाता है बेसुध.. अभिसाररत..
     आगे बांचिये मिसफ़िट पर
         

    0 comments:

    एक टिप्पणी भेजें

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz