"नियुक्ति"

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  • सुशील कुमार जोशी
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  • कक्कड़ जी पूछ बैठे
    मुझसे आज सुबह
    आजकल आप
    नुक्कड़ की तरफ
    बहुत जाने लगे हैं
    कौन सी ऎसी सीक्रेट
    बात है जो आप
    हमसे इस तरह
    छुपाने भी लगे हैं
    हम तो रोज ही
    जाते हैं नुक्कड़ पर
    जाकर नजरें भी
    घुमा ही लेते हैं
    इधर उधर नीचे ऊपर
    हमें तो कुछ ऎसा
    नुक्कड़ पर नजर
    नहीं है आता
    जो तुम जैसे
    लोगों को ललचाये
    जा रहा हो
    बार बार नुक्कड़
    की तरफ बुलाये
    जा रहा हौ
    हमने कक्कड़ जी
    की तरफ देख कर
    टेढे़ मुंह मुस्कुराया
    नीचे कि होंठों को
    ऊप्पर के दाँतों
    तले दबाया
    फिर उनको
    फुसफुसाते हुवे
    ये बताया
    भैया किसी को ये
    बात मत बताना
    अब हमें दिन में
    कई बार आना
    पड़ेगा नुक्कड़
    की तरफ आना
    महीनें की चार
    बोतलों पर
    सौदा हो गया है
    कांट्रेक्ट पर
    आपका मित्र
    नुक्कड़ का
    कल से चौकीदार
    हो गया है ।

    1 टिप्पणी:

    1. चौक भी तो नुक्‍कड़ ही है मकान है
      मकान के सभी कमरों का दोस्‍त
      आप चौकीदार हैं तो हम हुए
      चौकीदार के दोस्‍त

      अधिकार तो चौकीदार
      का ही चलेगा
      नुक्‍कड़ पर प्रवेश अब
      हमें भी इजाजत
      आपकी से ही मिलेगा।

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