दिल्ली के सुमित (अब गीत) प्रताप सिंह |
दिल्ली गान (सिटी एंथम) सुनने के लिए क्लिक कीजिए।
www.mycitymyanthem.com
हिन्दी चिट्ठाकार संसार बहुविध प्रतिभायुक्त है। अंतर्जाल के आगमन के पश्चात् मात्र कुछेक वर्ष में ही हिंदी ब्लॉगिंग के अद्भुत संसार ने हिंदी जगत की प्रतिभाओं को आसमान दिखलाया है। विश्व, समूचा भारत और राजधानी दिल्ली के अतिरिक्त आज पूरा हिंदी जगत का मन हिन्दी ब्लॉगर सुमित प्रताप सिंह के दैनिक जागरण के चयन किए गए गीत 'मेरा शहर मेरा गीत' से प्रफुल्लित है।
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हिन्दी चिट्ठाकार संसार बहुविध प्रतिभायुक्त है। अंतर्जाल के आगमन के पश्चात् मात्र कुछेक वर्ष में ही हिंदी ब्लॉगिंग के अद्भुत संसार ने हिंदी जगत की प्रतिभाओं को आसमान दिखलाया है। विश्व, समूचा भारत और राजधानी दिल्ली के अतिरिक्त आज पूरा हिंदी जगत का मन हिन्दी ब्लॉगर सुमित प्रताप सिंह के दैनिक जागरण के चयन किए गए गीत 'मेरा शहर मेरा गीत' से प्रफुल्लित है।
यह माना गया है कि दिलवालों की दिलली को अपना गीत (एंथम सांग) मिल गया है। इस पर कल डीएलफ मॉल में 'मेरा शहर मेरा गीत' की सीडी लांच करके दिल्ली की मेयर रजनी अब्बी ने इस पर अपनी मोहर लगा दी और इसकी प्रशंसा में अपना वक्तव्य देकर माननीया मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इस गीत को अक्टूबर 2010 में आयोजित राष्ट्रमंडलखेल के दौरान जारी किए गए 'मेरी दिल्ली मेरी शान' से बेहतर बतलाया है।
दैनिक जागरण राष्ट्रीय संस्करण पेज 2 में प्रकाशित समाचार 19 मार्च 2012 |
उल्लेखनीय है कि भविष्य की यह प्रतिभा सुमित प्रताप सिंह दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में कांस्टेबल हैं लेकिन आज फिर यह साबित हो गया है कि प्रतिभा कभी अवसर की मोहताज नहीं होती है। अवसर स्वयं उसके पास आते हैं। जिस व्यक्ति ने अपने कारनामों से शिखर पर पहुंचना होता है, उसे कोई रोक नहीं सकता अपितु सब उसके सहयोगी बन जाते हैं।
इस बार भी यही हुआ है। छोटे परदा कितनी ही प्रतियोगिताओं के जरिए अद्वितीय प्रतिभाओं को बुलंदी के शिखर पर पहुंचा चुका है। सर्जनात्मकता की राह में कोई रुकावटें नहीं टिकती हैं। 18 मार्च 2012 को 'मेरा शहर मेरा गीत' की सीडी के लांच होते वक्त इस ऐतिहासिक गौरवशाली क्षण का साक्षी बनने के लिए एकबारगी तो यूं लगा कि पूरी दिल्ली ही मॉल में अवतरित हो गई है।
'ये शहर अजब सा है
ये शहर गजब सा है ।
कुछ बात तो है इसमें
ये शहर गजब सा है ...।'
के बोल पर युवा, बच्चे सभी झूमते नजर आए।
फिर शाम को सात बजे तो यूं लगा कि मानो सूर्य देवता धरती पर पुन: पधारे हों। रोशनी की जगमगाहटों के बीच बॉलीवड के मशहूर संगीतकार आदेश श्रीवास्तव मुंबई से सीधे साकेत स्थित डीएलएफ मॉल इस गीत के गायन के लिए पहुंचे तो दिल्ली के प्रत्येक बाशिन्दे को अपने ऊपर गर्व हो आया।
दैनिक जागरण 19 मार्च पेज 5 दिनांक 19 मार्च 2012 |
हिन्दी ब्लॉगर, कवि, व्यंग्यकार सुमित प्रताप सिंह ने दिल्ली की जनता और अपने हिंदी ब्लॉगर साथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मेरे रचित गीत को आप सबने पसंद किया, उससे मैं काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। लांचिग के अवसर पर उनके पिता, माता, बहन और उनके ब्लॉगर साथी और नुक्कड़ ब्लॉग के बहुचर्चित ब्लॉगर - व्यंग्यकार और अविनाश वाचस्पति अन्नाभाई (जिन्हें वे आदर से अन्नाचाचू कहते हैं) और बैसवारी ब्लॉग के मॉडरेटर संतोष त्रिवेदी पूरे समय मौजूद रहे।
अभी तो इसकी शुरूआत ही हुई है। इसके पूरी दिल्ली में लांचिग की प्रारंभावस्था है। अगले कुछ दिनों में यह पूरी दिल्ली में गुंजायमान हो उठेगा और जल्दी ही सुमित प्रताप सिंह को वैश्विक पहचान दिलाएगा। उनके स्वर्णिम भविष्य की शुभकामनाओं सहित।
दैनिक जागरण 19 मार्च 2012 में संगीतकार आदेश श्रीवास्तव |
''मेरा शहर मेरा गीत'' के लिंक को तलाश करके क्लिक करके आप सुन सकते हैं और इसे सभी के साथ शेयर कर सकते हैं। मिलने के बाद टिप्पणी में लिंक का यूआरएल अवश्य दें। इस संबंध में हिन्दी ब्लॉगर साथियों से विशेष अनुरोध है कि वे इस समाचार को अपने अपने ब्लॉगों/अखबारों/ ई पत्रिकाओं में अवश्य प्रकाशित कर अपना योगदान दें।
वाह ..
जवाब देंहटाएंजानकर अच्छा लगा !!
हमें तो देखकर खूब आनंद आया
हटाएंऐसा लगा मानो हमने गीत लिखा
सुमित प्रताप सिंह जी को हार्दिक बधाईयां
जवाब देंहटाएंसिर्फ बधाईयां ही नहीं
हटाएंगिरीश भाई तलाश करके इनके गाने को
बजा दो सभी हिंदी ब्लॉगों और
फेसबुक समूहों पर
हिंदी ब्लॉगरों को मिलेगी नई ऊंचाईयां।
...सही याद दिलाया अविनाश जी ! आप और हम तो वहीँ मौजूद रहे !
जवाब देंहटाएं...सुमित भाई को इस तरह की उपलब्द्धि के लिए बधाई और कामना कि वो और आगे,बालीवुड तक अपनी धमक पहुंचाएं !
आपने भी खूब याद दिलाया संतोष भाई
हटाएंहमारी फोटो भी तो खींची थी
गीत प्रताप सिंह के साथ
दैनिक जागरण और मीडिया वालों ने
वह अभी तक नहीं मिली है
मिलते ही सबसे बांटेंगे
फेसबुक और सभी सोशल साइटों पर धूम मचा देंगे।
गीत का लिंक
हटाएंhttp://www.mycitymyanthem.com/mycitymyanthem.com/Delhi.html
कापी करके एड्रेस बार में पेस्ट करके प्रयोग में लाइए
अथवा नीचे के लिंक पर सिर्फ क्लिक भर कर दीजिए
गीत प्रताप सिंह का मेरा शहर मेरा गीत
बहुत-बहुत मुबारक हो...
जवाब देंहटाएंकुछ न कुछ तो खास है मेरे भाई में .....एक अलग अंदाज है मेरे भाई में .....
जवाब देंहटाएंAakhir bhatija kiska hai bitiya.
हटाएंवाह !!
जवाब देंहटाएंआह !!
वाह !!
वाह !!
आह !!
badhyi sumeet ji ko !!
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