एक अप्रैल को नई दिल्‍ली पर राजघाट पर एक फूल खिलेगा : गोभी का नहीं, गुलाब का नहीं, कांटों भरा

नुक्‍कड़ पर सिब्‍बल
आप सोच रहे हैं
मज़ाक कर रहा हूं
परंतु सब चिट्ठाकार जानते हैं
मैं सच बोल रहा हूं

एक अप्रैल को
मिलेंगे राजघाट पर
हम जो यहां पर
अपनी कहन को
स्‍वर और शब्‍द
दे पा रहे हैं

उस पर रोक लगाने
का जो विचार बना रहे हैं
हम उन पर रोक लगाने के लिए
जागृति जगाने आ रहे हैं

नई दिल्‍ली में राजघाट पर
एक अप्रैल को प्रात: 11 बजे
आप देखेंगे
कितने सारे ब्‍लॉगर साथी
फेसबुक करामाती
और ट्विटर उत्‍पाती
सोशल साइटों के
धमाल मचाते
उन्‍हें यही लग रहा है
इसलिए तो सेंसर करने का
विचार पल रहा है

उसे ऑक्‍सीजन बंद करनी है
बटन वहीं पर है
जिसे क्लिक करना है
राजघाट पर
बापू की समाधि पर
गांधीगिरी वाले उपाय से
अपनाना है वही
मुन्‍नाभाई नहीं

आप मिलेंगे
अविनाश वाचस्‍पति ऊर्फ अन्‍नास्‍वामी से
असीम त्रिवेदी से
अपने और बहुत सारे साथियों से
जो आपकी अभिव्‍य‍िक्ति के तालों को
डिलीट करना चाहते हैं
हाइड करना चाहते हैं

आपसे उस दिन मिलना चाहते हैं
नहीं आएंगे तो बन जाएंगे
इसलिए बनाने के लिए तो
आप अवश्‍य ही आएंगे।

8 टिप्‍पणियां:

  1. शुभकामनाएं .गुड लक उकील साहब .

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  2. दिन गलत चुन लिया है अब क्या पता आप बनाने के लिये यह दिन चुन रहे हो, हा हा हा हा, स्पष्टीकरण जरुर दे।

    जवाब देंहटाएं
  3. जय हो मूर्खों की,
    खूब फलें-फूलें !!

    जवाब देंहटाएं
  4. wow
    Sushil Gagnwar
    www.mediadalal.com
    www.bollywooddalal.com
    www.writerindia.com

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