अब यह सवाल ऐसा है जिस के कि बहुत से अलग अलग जवाब हो सकते है क्यों कि हर बन्दे के हिसाब से ही उसकी सब से कीमती चीज़ तै की जा सकती है ... पर फिर भी एक जवाब ऐसा है जिस पर लगभग सारे ही लोग सहमत होंगे ... और वह है ... इंसान की सब की कीमती चीज़ उसकी यादें होती है !!
यादें या स्मृतियाँ जो चाहे कह लीजिये ... हमेशा ही आपको एक अलग ही दुनियां की सैर करवाती हैं ...
यादें या स्मृतियाँ जो चाहे कह लीजिये ... हमेशा ही आपको एक अलग ही दुनियां की सैर करवाती हैं ...
अब एक ऐसी ही सैर का निमंत्रण दे रही हैं शिखा जी आप सब को ... अपनी नयी पुस्तक ... "स्मृतियों में रूस" के माध्यम से ...
Diamond Publication द्वारा छापी गयी इस पुस्तक का मूल्य है मात्र ३०० रुपये ... आप इस पुस्तक को घर बैठे बैठे ही मंगवा सकते है ऑनलाइन अपना आर्डर दे कर ...
तो फिर इंतज़ार किस बात का ... इस ठंडी ठंडी ठण्ड में गरमा गरम चाय के साथ चले इस सैर को ...
shikha ko bahut bahut badhai... ek behtareen yaad ko pustak me shakal dene ke liye:))
जवाब देंहटाएंमेरी प्रति तो डाक में है . आज कल में आती ही होगी .
जवाब देंहटाएंशिखा जी को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंमेरी किताब कहा है शिखा जी जल्द से जल्द भेजने का कष्ट करें और बहुत बहुत शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंशिखा जी को बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएंहम तो यादें मुफ्त में बाँट रहे हैं । :)
जवाब देंहटाएंलेकिन पुस्तक प्रकाशन के लिए शिखा जी को बधाई ।
शिखा जी को हार्दिक शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई ..:)
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhaAI
जवाब देंहटाएंबधाई....बहुत-बहुत बधाई. डायमंड वालों से मैं पुस्तक मंगवा लूंगा. वे पुस्तक की कीमत मेरी रायल्टी से काट ही लेंगे. शिखा धीरे-धीरे और चमकदार-प्रकाशवान हो रही है..शुभकामनाये...
जवाब देंहटाएंशिखा जी, बहुत-बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंआप सभी का तहे दिल से आभार.
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhayi kitaab ke liye
जवाब देंहटाएंशिखा जी को ढेर सारी बधाइयां।
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