इस चित्र में जो नहीं हैं, वे सचमुच में मौजूद नहीं हैं |
सांपला की ओर जाने वाली सभी हवाई उड़ानें कवि सम्मेलन के कारण रद्द कर दी गई हैं जबकि कारण कोहरे को बतलाया जा रहा है और कोहरा कह रहा है कि मुझे तो वहां किसी ने बुलाया ही नहीं है।
हिन्दी चिट्ठाकारों ने निर्णय लिया है कि वे जल्दी ही एक चिट्ठाकार जांच आयोग का गठन कर इस मामले की पूरी जांच करवाएंगे।
आसमान से होकर गुजरने वाले सभी हवाई जहाज और हेलीकोप्टर कवि सम्मेलन स्थल के ऊपर ही या तो रूक गए हैं अथवा मंडरा रहे हैं।
चिट्ठाकार अपने साथ लाए हुए साफे, मफलर व दस्ताने धारण किए हुए हैं। ध्यान दें - दस्तानों के कारण ही वे अभी तक एक भी पोस्ट नहीं लगा पाए हैं। वैसे इंटरनेट का धीमे चलना भी इसका एक कारण है।
किसी चिट्ठाकार ने ताज नहीं पहन रखा जिससे सभी स्वयं को बेताज बादशाह समझ कर गौरवान्वित हैं।
चर्चा तो बहुत सारी हुई हैं लेकिन अगर आप उन्हें ही पढ़ने में लग गए और हमने आपको सब कुछ यहीं बतला दिया तो बाकी सभी चिट्ठों की टीआरपी गिर जाएगी, इसलिए चर्चा के संबंध में हम कुछ भी नहीं बतलाने के लिए विवश हूं, विवश बोलें तो मजबूर।
किसी भी चिट्ठाकार ने एक भी सांप के दर्शन नहीं किए हैं जबकि सभी चाह रहे हैं कि एक सांप तो कोई न कोई चिट्ठाकार पकड़ कर ले ही आए, पर सांप चौकस हैं। लगता है यह राज उन्होंने 'मुझे शिकायत है' चिट्ठे पर पहले ही पढ़ लिया है।
महिलाओं को भरपूर प्रतिनिधित्व दिया गया है। यह उनकी मौजूदगी से साबित हो रहा है। इससे स्त्री संबंधी शोर मचाने वाले चिट्ठों और चिट्ठाकारों को मायूसी मिली है कि वह स्त्रियों को चर्चा में विशेष स्थान नहीं देने के मसले पर शोर मचा पाएं।
जो चिट्ठाकार नहीं शामिल हुए हैं, उनके बहाने भी पर्याप्त पुख्ता हैं। यह उनके चिट्ठों पर जाकर आप देख सकते हैं। जैसे ललित शर्मा, अविनाश वाचस्पति के चिट्ठों पर। इसके अतिरिक्त भी चिट्ठों और चिट्ठाकारों की अनुपस्थिति की सूची और बहानों की फेहरिश्त तैयार की जा रही है। आप भी टिप्पणी में उनकी जानकारी और लिंक देने के लिए स्वतंत्र हैं।
ब्लॉगवाणी और चिट्ठाजगत के सक्रिय होने के संबंध में गोपनीय जानकारी शीघ्र ही अलबेला खत्री जी के चिट्ठे पर खतरा टल जाने के बाद पेश की जाएगी।
वह चिट्ठाकार जो कवि सम्मेलन से पर्याप्त दूरी बनाए हुए हैं। रजाईयों और गद्दों पर पसरे हुए चिट्ठों से खूब कमाई कैसे की जाए, संबंधी चर्चा में मशगूल हैं।
इस अवसर के सैकड़ों चित्र मोबाइलों, कैमरों और वीडियो में संजोए गए हैं, जिन्हें आप समय समय पर यू ट्यूब वगैरह पर पानी की तरह बहता हुआ महसूस कर पाएंगे।
दिल्ली में धूम मचा रहा कोहरा भी सांपों के भय के चलते इस अंतरराष्ट्रीय चिट्ठाकार संगोष्ठी में शामिल नहीं हुआ है। जबकि उसका वहां पर पढ़ी जा रही कविताओं को सुनने का बहुत मन था। एक पाठक का नुकसान सांपों के कारण हुआ है।
हम बतलाना तो और भी बहुत कुछ चाह रहे थे परंतु राज जी के नाम के अनुरूप इसे राज ही रहने दिया जा रहा है।
इस अवसर पर हिन्दी ब्लॉगिंग पर प्रकाशित पुस्तकों के संबंध में भी चर्चा हुई है परंतु प्रकाशक हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर की ओर से किसी के उपस्थित न होने के कारण बिक्री न हो सकी। इससे पुस्तकें बहुत नाराज हैं।
यह पहली रिपोर्ट आपकी उत्सुकता के शमन के लिए डाली जा रही है परंतु हम जानते हैं कि इससे आपके मन में विचारों की भीषण ज्वाला प्रज्वलित हो गई होगी।
भोजन, चायपान, जलपान, सिर्फ पान, सिर्फ पानी, सिर्फ पीना इत्यादि की खबरें भी अभी गोपनीय ही हैं। अवश्य ही वे भी चित्रों में अगले दो एक दिन में दिखलाई दे जाएंगी।
अभिव्यक्ति का यह नया दौर है बड़ा ही मजेदार
यहां सब सबको सुमिरन करते रहते हैं
संगीता पुरी जी ने फोन पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। इसके अतिरिक्त भी जिन्होंने उपस्थित फोन पर दर्ज कराई है, उनका जिक्र भी आप अवश्य ही चिट्ठों पर जारी पोस्टों में कर पाएंगे।
आपको यह प्रस्तुति कैसी लगी, जानने की उत्सुकता रहेगी क्योंकि इससे ही रक्त में प्लेटलेट्स यानी लाल रक्तकणों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होती है। आप सब इसके मुक्तभोगी हैं।
और हां, सबसे जरूरी और पहली बात, जिन चिट्ठाकारों को मुंबई चिट्ठाकार संगोष्ठी में प्रकाशित पुस्तक की पीडीएफ फाईल न मिली हो, वे नि:संकोच तुरंत अपना ई मेल पता nukkadh@gmail.com पर भेज सकते हैं।
तब तक मैं कवि सम्मेलन का आनंद लेता हूं जो रात के दो बजे तक जारी रहेगा।
हमने फ़ोन पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है । ठंड बहुत है इसलिए सिकुड़ जाने के डर से सांपला नहीं पहुचे :))
जवाब देंहटाएंअविनाश वाचस्पति के दांत के दर्द का अपडेट नदारद है यहां से। :)
जवाब देंहटाएंदांत का दर्द नहीं, दांत ही नदारद है अनूप भाई
जवाब देंहटाएंदर्द मसूड़े में मिला है
जिसे नकली दांत ने जख्मी किया है
बढिया रिपोटिंग की है आपने .. वहां न रहते हुए भी ..
जवाब देंहटाएंआभार !!
हाज़िर सर
जवाब देंहटाएंराजीव तनेजा जी और महफूज़ भाई को कहा था कि मेरी भी हजारी भी लगवा दें ... अब पता नहीं लगी या नहीं ... खैर आपकी रिपोर्ट बढ़िया रही ... आभार !
जवाब देंहटाएंcome here from Malaysia =)
जवाब देंहटाएंअच्छा यह पहला सांप ला ए है?
जवाब देंहटाएंजी हां यह पहला सांप ला ने की कोशिश की है
जवाब देंहटाएंदूसरा सांप ला ओ.........
जवाब देंहटाएंजय हो...
जवाब देंहटाएंइत्ती सर्दी में इतने पहुंचे यही बड़ी बात है।
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विज्ञान कथा के 100 साल।
लखनऊ में लग रहा है विज्ञान कथाकारों का जमावड़ा..
@ अविनाश वाचस्पति,
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें नया दांत गोद लेने के लिये। :)
Bloggers to miley hi miley Dil bhi mile sanmpla mein...
जवाब देंहटाएंJay Jay Blogging!
वाह ! शानदार रिपोर्ट |
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंब्लॉगिंग के अन्ना भाई यहां भी मौजूद हैं
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
अभी पिटारे से निकालते हैं हम क्या क्या लाये हैं
जवाब देंहटाएंएक सांप खुशदीप सहगल वाला
जवाब देंहटाएंऔर दूसरा वंदना गुप्ता वाला
तीसरा ....
उसे मिल गया देशनिकाला।
मुझे अफ़सोस है कि गर्मी पैदा करने के लिए एक "हीटरनुमा पोस्ट" इस शुभ अवसर हेतु न भेज सका… :) :)
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसांपला का नाम सांपला कैसे पड़ा?
जवाब देंहटाएंसांप+ला= सांपला
अब सांप लाता कौन था?
और
मंगवाता कौन था?
बहरहाल ये सब बातें तो फिर होती रहेंगी अभी सांपला के ब्लॉगर मिलन सम्मेलन को सफल बनाने वाले सभी ब्लॉगर बंधुओं को शुभकामनाएं और शुभकामनाएं हमारे अन्ना चाचू को जिन्होंने इस सम्मेलन की जीवंत रिपोर्टिंग की...
सुरेश जी आपकी टिप्पणी स्वयं में ही आग बरसाने के लिए काफी है। कितने तो इस टिप्पणी से ही ऊष्मा, ऊर्जा और ताप प्राप्त कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंदिव्य दृष्टि।
जवाब देंहटाएंवाह वाह अविनाश भाई ,
जवाब देंहटाएंमहाभारत वाले संजय को कंपटीसन दे डाले आप कसम से , धांसू और फ़ांसू भी
बढिया रिपोटिंग
जवाब देंहटाएंबढ़िया रिपोर्ट और इस बढ़िया रिपोर्ट पर बढ़िया कमेन्ट्स... सोने पर सुहागा... आभार... :)
जवाब देंहटाएंअविनाश जी आपका भी जबाब नही.
जवाब देंहटाएंलगता है सभी साँपों को बीन बजा कर यहीं बुला लेंगें आप.
समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर 'हनुमान लीला' में भी बिराजिये.
वाह, आप तो छा गये।
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