स्नेह पुरी की इंदु पुरी
Posted on by Sumit Pratap Singh in
प्यारे मित्रो
सादर ब्लॉगस्ते!
लो जी फिर से हाजिर है आपका मित्र सुमित प्रताप सिंह ब्लॉग संसार के एक और व्यक्तित्व से आपकी भेंट करवाने. जी हाँ इनका नाम है इंदु पुरी. इंदु पुरी जी बहुत स्वाभिमानी नारी हैं और जरा सा कोई बदतमीजी से बात कर ले या तू कह दे उसे ब्लाक कर देती हैं हमेशा के लिए.व्यक्तिगत जीवन मे ऐसी नही हैं.बहुत भावुक, रिश्तों को जीने वाली,प्यार देने और लेने वाली औरत हैं ये. हाँ दोस्तों का सर्कल बहुत छोटा है.पर....खूब ठोक पीट बजाकर देखने के बाद जिन्हें इन्होने अपने जीवन मे आने दिया वो इनके यह संसार छोड़ने के बाद ही इनसे अलग होंगे.क्या कहें ऐसिच हैं ये.इनका जन्म इलाहाबाद मे हुआ था.इनके पिता एयर फ़ोर्स ऑफिसर थे वहाँ.चार भाइयों के बाद गंगा मैया की मनौती रखने के बाद इनके पापा-मम्मी को यह 'सैम्पल' प्राप्त हुआ था. इसलिए परिवार मे सबसे छोटी और एक मात्र लड़की थी.उपर लिखे 'गुणों' का विकास भी शायद इसी कारण हुआ होगा.पढ़ने मे शुरू से बहुत अच्छी थीं. स्कूल मे (कक्षा मे नही)पहला या दूसरा स्थान हमेशा आता था. स्कूल मे बैस्ट स्टूडेंट, बैस्ट सिंगर, बैस्ट ओरेटर, बैस्ट डिबेटर के खूब इनाम पाए.गोल्डन पीरियड जिया इन्होने अपने स्कूल कॉलेज लाइफ का. सबकी लाडली रही.पढ़ने का बहुत शौक था.स्कूल लाइब्रेरी मे कई नई किताबों के पृष्ठ भी इन्होने अलग किये.वहीँ हिंदी,अंग्रेजी,उर्दू,संस्कृत, रुसी और विश्व साहित्य की श्रेष्ठ कई किताबे पढ़ी.इनकी पहली सहेली फर्स्ट इयर मे बनी.यूँ सबसे दोस्ती थी और ..किसी से भी दोस्ती नही थी.आगे पढ़ें
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