हम दोनों मौन, पहचानिए हैं कौन

आज हम मौन हैं
कल आप मौन थे
परसों वे मौन थे

कल वे चिल्‍ला रहे थे
आज वे चिल्‍ला रहे हैं

कल वे चिल्‍लाएंगे
इतनी जोर से चिल्‍लाते हैं वे
हमारी आवाज तो सुन ही नहीं पाते हैं

हम भी कुछ कहना चाहते हैं
पर कोई सुनने को भी तो तैयार हो

हमें देखकर उड़ाने में रखते हैं यकीं
खोलेंगे वे अपने मन की खिड़की
हम काले जरूर हैं
पर भ्रष्‍टाचार नहीं हैं

भ्रष्‍टाचार नहीं काला होता है
किसी ने भला उसको कभी देखा है
उसका रंग नजर नहीं आता
भगवान भी तो कुछ नहीं है बताता

आप ही बतलाइये
इनकी खोजबीन में जुट जाइये
नहीं तो ये ही खोद खोद कर
बीन लेंगे बुराईयों को
विसंगतियों को मिटाने के लिए
सदैव तैयार हैं

आपके आस हैं
आपके पास हैं
आप पर करते पूरा विश्‍वास हैं
मौका तो दीजिए

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