पिछले दिनों हिन्दी ब्लॉगिंग पर जिन दो पुस्तकों का प्रकाशन हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर ने किया है। इस दीपावली पर उन पुस्तकों के विक्रय पर एक सौ रुपये तक बढ़ाए जाने की संभावनाएं हैं क्योंकि दोनों पुस्तकों की अब सीमित प्रतियां ही बची हैं। अर्थशास्त्र के मांग और पूर्ति के सिद्धांत को ध्यान में रखे जाने से इस दीपावली के बाद से पुस्तकें 450/- रुपये के स्थान पर 600/- रुपये जमा कराने पर मिलेंगी। वैसे तो सिर्फ एक सौ रुपये की आज के युग में कोई खास अहमियत तो नहीं है क्योंकि अगर आप कहीं पर आइसक्रीम खाने के लिए खड़े हो जाते हैं तो एक सौ रुपये तो यूं ही चले जाते हैं। अगर आप पेट्रोल पंप पर पेट्रोल, डीजल या गैस लेने के लिए लाईन में लगते हैं तो क्या आपको यह बतलाने की जरूरत है कि एक सौ रुपये में खरीदे गए ईंधन से कितने दिन वाहन चलाया जा सकता है। दूध लेने भी जायेंगे तो एक सौ रुपये में तीन किलो खरीद भी लाएं परंतु घी, मक्खन, पनीर तो एक किलो खरीदने के बारे में सोचिएगा भी मत। हां, अगर दीपावली पर किसी को देने के लिए यदि आप गिफ्ट की तलाश में हैं तो चाकलेट, बिस्कुट का डिब्बा अवश्य ही आपको एक सौ रुपये में मिल जाएगा।
मेरी तो यह सलाह है कि आप इस दीपावली पर अपने मित्रों को दोनों पुस्तकें उपहार स्वरूप भिजवा ही दीजिए और एक सौ रुपये अवश्य बचा लीजिए। आखिर दीपावली पर की गई बचत से मन को खूब सुकून मिलता है।
प्रक्रिया वही है जो नीचे लिखी है :-
(१) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति
यह पुस्तक अविनाश वाचस्पति और रवीन्द्र प्रभात के द्वारा संपादित है
मूल्य : 495/- ( डाक खर्च अलग से )
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
(२) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास
लेखक का नाम : रवीन्द्र प्रभात
मूल्य : 250 /-( डाक खर्च अलग से)
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
रुपये 450/- केवल भेजने के लिए आप अपनी सुविधानुसार निम्नलिखित तीन विकल्पों में किसी एक का चयन कर सकते हैं
1. आप मनीआर्डर से सीधे हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के पते पर राशि भेज सकते हैं परंतु मनीआर्डर के पीछे संदेश में अपना पूरा पता, फोन नंबर ई मेल आई डी के साथ अवश्य लिखें।
2. तकनीक का लाभ उठाते हुए आप बैंक ऑफ बड़ौदा, बिजनौर के नाम हिन्दी साहित्य निकेतन के खाता संख्या 27090100001455 में नकद जमा करवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के बाद जमा पर्ची का स्कैन चित्र मेल पर अपनी पूरी जानकारी के साथ अवश्य भिजवायें।
3. आप यह राशि हिन्दी साहित्य निकेतन के नाम ड्राफ्ट के द्वारा भी डाक अथवा कूरियर के जरिए भेज सकते हैं। चैक सिर्फ सी बी एस शाखाओं के ही स्वीकार्य होंगे।
आप जिस भी विकल्प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्य भेजने का कष्ट कीजिएगा
giriraj3100@gmail.com, ravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com पर जरूर भेजिएगा।
वैसे जब हम आपको सच्चाई बतला रहे हैं तो आपको मालूम हो ही जाना चाहिए कि संपादकद्वय किसके साथ हैं। इसलिए मौका मत चूकिए, आलस छोड़ दीजिए और तुरंत जाकर पैसा (नहीं रुपया) जमा कर सूचना ई मेल से भेज दीजिए और किसी फीमेल के चक्कर में मत रहिए क्योंकि वे तो दीपावली पर आपसे हजारों खर्च कराकर भी संतुष्ट नहीं होंगी।
जिन्होंने 6 महीने पहले ही 450 रुपये जमा किये हैं,
जवाब देंहटाएंउन्हें तो दिवाली से पहले ही प्रेषित करवा दीजिए।
बहुत दिन हो गये हैं इन्तजार करते हुए!
sach mein bahut samay ho gaya intezaar karte karte
जवाब देंहटाएंमुझे तो पुस्तक बहुत समय से मिल गयी थी जी।
जवाब देंहटाएंमान्य शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंआपकी प्रति पंजीकृत डाक से भेज दी गई है. प्राप्ति स्वीकार करें
गिरिराज
@डा गिरिराजशरण अग्रवाल
जवाब देंहटाएंप्रति तो हमारी भी नहीं पहु्ची है, भिजवाने की महती कृपा करें।
कृपया पंजाब नेशनल बैंक का खाता नम्बर दे मेरे यहां यहीं बैक है मुझे आसानी रहती हे। क्या वी पी पी से भेज सकते है ?
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंआप के लिए "दिवाली मुबारक" का एक सन्देश अलग तरीके से "टिप्स हिंदी में" ब्लॉग पर तिथि 26 अक्टूबर 2011 को सुबह के ठीक 8.00 बजे प्रकट होगा | इस पेज का टाइटल "आप सब को "टिप्स हिंदी में ब्लॉग की तरफ दीवाली के पावन अवसर पर शुभकामनाएं" होगा पर अपना सन्देश पाने के लिए आप के लिए एक बटन दिखाई देगा | आप उस बटन पर कलिक करेंगे तो आपके लिए सन्देश उभरेगा | आपसे गुजारिश है कि आप इस बधाई सन्देश को प्राप्त करने के लिए मेरे ब्लॉग पर जरूर दर्शन दें |
धन्यवाद |
विनीत नागपाल