ब्लॉगिंग पर एक अच्छी किताब

Posted on
  • by
  • vandana gupta
  • in
  • Labels: ,
  • ब्लाग पर लिखने-पढ़ने वालों की एक बड़ी जमाअत ने भाषा की जो नई इबारत गढ़ी उसमें और सब कुछ था सिवाय भाषा की तमीज़ के। गालीगलौज से होते हुए निजी खुन्नस तक का ज़रिया बन गया ब्लाग और एक तबक़ा ऐसा भी रहा जिसने इस पर रोक लगाने की बजाय इसकी हिमायत की और इस क़वायद में ख़ुद सामिल होकर इसके मज़े भी लेने लगा।

    ब्लॉगिंग में इस तरह की बढ़ती प्रवृति ने इसे नुक़सान भी काफ़ी पहुंचाया और लोगों ने इसे गंभीरता से लेना बंद कर दिया। लेकिन इन सबके बावजूद ब्लॉगिंग आज अभिव्यक्ति का नए माध्यम के तौर पर स्थापित हुआ है तो इसकी वजह वे गंभीर ब्लागर हैं जो लगातार अपनी सक्रियता से संचार माध्यमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए हुए हैं और साहित्य के साथ-साथ दूसरे विषयों पर लगातार लिख-पढ़ रहे हैं। कौन है वो और किस किताब की बात कर रहे हैं सृजनगाथा में फ़ज़ल इमाम मल्लिक ?


    सृजनगाथा पर आज एक और महत्वपूर्ण ब्लॉगर डा. जाकिर अली रजनीश ने की है एक अतिमहत्वपूर्ण 
    पुस्तक की चर्चा, बिना किसी भूमिका के आइये चलते हैं सृजनगाथा की ओर-



    2 टिप्‍पणियां:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz