देखिये चोरबाजारी का आलम

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  • vandana gupta
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  • हद हो गयी है अब तो ...........शिक्षा के नाम पर हो रहे व्यापार ने क्या हाल कर रखा है कि बच्चे अपने को असहाय महसूस करने लगते हैं कि अब हमारा क्या होगा ? कैसे कोर्स पूरा करें और कहाँ से ? एक बार इतने पैसे लगा दिए और अब और कैसे लगायें ? ये प्रश्न बच्चों को झकझोर देते हैं .
    अभी मेरी बेटी के साथ ही ऐसा हुआ तो उसने मुझे ये सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि आखिर इतनी बड़ी संस्थाएं भी ऐसी धोखाधड़ी कैसे करती हैं?
    मेरी बेटी और उसके दोस्तों ने IANT KOHAT ENCLAVE दिल्ली से LINUX का CERTIFICATION COURSE वर्ज़न ५ पिछले साल किया जिसे कराने में उन्होंने ५-६ महीने लगा दिए जबकि ये ६० घंटे का कोर्स था क्यूँकी बीच बीच में उनके ट्रेनर छोड़ कर जा रहे थे . इतनी मुश्किल से तो उन्होंने कोर्स पूरा कराया और जब एग्जाम की बारी आई तो वहाँ की संचालिका निधि कहने लगी कि ये वर्ज़न तो अब ख़त्म हो रहा है और २ महीने में नया आ रहा है इसलिए अभी इसका एग्जाम देने का फायदा नहीं तुम अगले वाले का देना और उसमे जो थोड़े बहुत बदलाव होंगे वो हम तुम्हें फ्री कराएँगे क्योंकि ये हमारा कर्त्तव्य बनता है जो बच्चे हमारे यहाँ से सीखते हैं उन्हें हम फ्री सिखाते हैं तब तक हम उस कोर्स के 10500 रूपये दे चुके थे और उस पेपर के उस वक्त सिर्फ 9000 और देने थे जो उनके कहने से रोक दिया गया और बच्चे इंतजार करने लगे.
    दो महीने बाद जब उनसे पूछा तो कहने लगीं कि नया आया है इसलिए अभी तो पहले ट्रेनर सीखेंगे तब सिखायेंगे , मुझे नया सेट अप लगाना है इसलिए अभी इसमें टाइम लगेगा आप चिंता ना करें हम तुम्हें बता देंगे ........फिर इसमें उन्होंने दो महीने और निकाल दिए हर बार कोई ना कोई नया बहाना बना देती उसके बाद बच्चों के कॉलेज के पेपर शुरू हो गए तो उनसे कहा कि हमें आप जून में सीखा देना तो वो इसके लिए मान गयी कि हाँ मैं तब तुम्हारे लिए इंतजाम कर दूंगी कोई चिंता मत करो क्यूँकि उनकी तो मन चाही मुराद पूरी हो रही थी .
    अब जब बच्चों ने जब भी बात की तो यही कहती कि यहाँ ट्रेनर नहीं है कोशिश कर रही हूँ इस तरह की बातें करती इसी में तक़रीबन २०-२५ दिन निकल गए और अब जब वहाँ मेरी बेटी और उसके पापा वहाँ गए तो पता चला की वो तो उसे बेचकर ही चली गयी है और वहाँ का मैनेजमेंट बदल गया है मगर काम वो ही चल रहा है वहाँ.........हमने वहाँ जाकर बात की तो वहाँ के संचालक संतोष का कहना है कि आपको उस पेपर के 16500 रूपये देने होंगे और सीखने के अलग से 6000 और देने होंगे बच्चों ने कहा कि हम से तो फ्री बात हुई है आप उन मैडम से पूछिए तो उनका कहना है कि मैडम ऐसा नहीं कह सकतीं और इसके बाद वो बच्चों और मुझसे बदतमीजी से बात करने लगा .....बच्चों ने कहा भी कि सर हम आपके पास ही आये हैं और आपको हमारे भविष्य के बारे में सोचना चाहिए काफी मिन्नतें की मगर वो एक पैसा कम करने को राजी नहीं हुआ .वो सारी बात निधि पर डालता रहा और कहता रहा उनसे कहल्वाओगे तो फ्री में सीखा देंगे और निधि को फ़ोन मिलाओ तो कहती मेरा वहाँ से कोई लेना देना नहीं है और मुझे फ़ोन मत करो यहाँ तक कि जब भी फ़ोन करो या तो उठती ही नहीं थी या बिजी होने का बहना कर देती मगर कभी भी सही जवाब नहीं दिया .
    यहाँ तक कि और दूसरे सेंटर इसी बात को फोलो करते हैं कि जो बच्चा हमारे यहाँ से सीख कर जायेगा उसे हम अगले वर्ज़न के अप डेट्स फ्री देंगे हाँ पेपर देना है तो उसके पैसे देने होंगे और यही बात यहाँ कही गयी शुरू में और अब बच्चों को परेशान कर दिया..........ये हमने पता कर लिया था .
    यहाँ तक कि बच्चों को फिफ्थ वर्जन के पार्टिसिपेशन का रेड हट द्वारा संचालित सर्टिफ़िकेट भी बहुत ही मुश्किल से जब पुलिस में जाने कि धमकी दी तब दिया है उसके लिए भी बच्चों को एक महीने तक नचाये रखा .
    क्या ये चोरबाजारी नहीं है? क्या ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जा सकता कैसे रेड हट जैसी संस्था ने उसे इसके लिए चुना है जबकि यहाँ उसके नाम पर धोखाधड़ी का कारोबार चल रहा है ...........मेरी तो आज सबसे एक ही अपील है कि ऐसे चोरों और धोखेबाजों से सावधान रहें और अपने बच्चों का कहीं भी दाखिला कराने से पहले सब उनसे सारी डिटेल्स लिखित में ले लें ...........क्या कोई है ऐसा जो उसके खिलाफ कार्यवाही कर सके या उन्हें बेनकाब कर सके ताकि अब आगे आने वाले बच्चों का भविष्य ना दांव पर लग जाये...........पता नहीं कौन कैसे कैसे अपने बच्चों पर पैसा लगा रहा है कैसे जुगाड़ करके इंतजाम करता है और उसके बाद ये हश्र हो तो वो कैसा महसूस करता होगा समझा जा सकता है ............मेरी तो यही अपील है कि इन लोगों को बेनकाब किया जाये ..........सच दुनिया के सामने लाया जा सके ताकि कम से कम उस संस्था में तो आगे कोई दाखिला ना ले और उनकी धोखाधड़ी का शिकार ना हो .

    4 टिप्‍पणियां:

    1. सरासर चोर बाजारी है, उन दोनो का नम्बर भी डाल दीजीए यहाँ पर।

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    2. ऐसे धोखेबाजों का पर्दाफ़ाश तो होना ही चाहिए

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    3. बच्चों के भविष्य से खिलवाड कर ये लोंग अपना व्यापार कर रहे हैं .. सावधानी ज़रुरी है

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    4. आपने बिल्‍कुल सही कहा है ...ऐसे लोगों के बारे में पहले जानकारी लेना ही सही रहता है ...आभार ।

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
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