इन्‍द्रधनुष वेबपत्रिका का जून 2011 अंक प्रकाशित हो गया है, आपने पढ़ लिया क्‍या

Posted on
  • by
  • हिन्‍दी ब्‍लॉगर
  • in
  • Labels: , ,

  • नहीं मालूम
    तो मालूम कीजिए
    यहां पर करके क्लिक

    नाम आप ही बतलायें
    सम्‍पादिका का
    जिससे हमें यह तो
    हो मालूम
    आपने क्लिक
    किया है लिंक

    और अगर पढ़ी भी हैं
    रचनाएं
    तो अपनी प्रतिक्रियाएं
    भी दर्ज कर जाएं

    जाएं नहीं वापिस
    लौट कर आएं
    अगला अंक भी
    आ रहा है
    आपके तो
    मन को इन्‍द्रधनुष का
    हर रंग भा रहा है

    मुझे तो भा रहा है
    आभामंडल इसका।

    प्रस्‍तुति एवं कविताकश : अविनाश वाचस्‍पति

    4 टिप्‍पणियां:

    1. इन्द्र धनुष.. -यथा नाम तथा गुण , जागृत रंगों का समन्वय बेहतर बन पड़ा है. मुझमें रहते हैं करोडो लोग ,भ्रष्ट जो देखन मैं चला.पोस्टर पोयम्स, नजरिये,चेपलिन की आत्मकथा.. आदि आदि . नेहा -शरद को असीम संभावनाओं की गुंजाइश-उस दिशा में चलते रहने की शुभकामना के साथ ही अपने हिस्से के रंगों को इन्द्रधनुष के कैनवास पर बिखेरने का वायदा. मेरा ब्लॉग kishordiwase.blogspot.com देखकर बताइयेगा. अपना ख्याल रखिये.

      जवाब देंहटाएं

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz