गधों का माथा जल रहा है

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  • हिन्‍दी ब्‍लॉगर
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  • हिंदी ब्‍लॉगिंग की पुस्‍तक का छपना, ब्‍लॉगरों को सम्‍मान का मिलना, कुछ को जला गया है तो कुछ को गर्मी में भी ठंडक का अहसास करा रहा है। किसी को ऐसा भान हो रहा है कि उनकी अहमियत दिनोंदिन कम हो रही है। पुस्‍तक के छपने से उनकी छोटी हुई पूंछ अब बिल्‍कुल नदारद है। पूंछ की पूछ को बचाने के लिए वे अब पूंछ से अच्‍छे कार्य कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि दुम में है दम। हमारे सामने टिक न सके हम।  
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