काले धन का मसला, स्विस बैंक का घपला, खेलों का गरल – पांच का सांच है। हाथ में भी पांच और पैरों में भी पांच ऊंगलियां हों या अंगूठा – नामकरण हमने ही किया है। अंगूठे को ऊंगली और ऊंगली को अंगूठा तय कर देते तो हथेली में चार अंगूठे और एक ऊंगली पहचानी जाती। वैसे पंचक से सब घबराते हैं, अंत्येष्टि से पहले इसकी चिकित्सा अवश्य करवाते हैं। पांच सिताराओं की शान देखते ही बनती है। चाहे वे होटल हों अथवा अस्पताल। पंच पांच होते हैं जिनसे न्याय का पंचामृत ही छलकता है। उसमें चाहे नालायक ही क्यों न भरे हों और अब इन सबसे बढ़कर नया मीडिया पांचवां खंबा यानी हिन्दी ब्लॉगिंग अगर पूरा पढ़ने का मन बन रहा है तो माऊस को तकलीफ दीजिए
पंचवर्षीय योजनायें : विषय तो नीरस है : पर सरस बनाने का प्रयास है यह लेख
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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अविनाश वाचस्पति,
मार्च 2011,
सोपानSTEP
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