
कल नहीं
आज
मैं मिला
प्रकाश पंकज से
मैंने जानना चाहा
दिल्ली में रहते हो
वे बोले
कोलकाता में
मैंने कहा दिल्ली आओ तो मिलना
वे बोले आया तो जरूर मिलूंगा
फिर मैंने उनसे उनके ब्लॉग का पता मांगा
और उसका स्नैप शॉट लेकर नुक्कड़ पर लगाया
आप इनकी रचनायें पढि़ए
और रचना पर
जिन्होंने नहीं की है जाहिर
अपनी राय
जाहिर करिये
फिर मैं आऊंगा
जल्दी ही
आपकी राय पढ़ने
देखूंगा कि प्रकाश पंकज की
कविता के बारे में
आपकी क्या है राय
फिर मैं भी पढूंगा
गंभीरता पूर्वक
उनकी लिखी कविताएं।
आपको पसंद आई हैं
तो मुझे भी आएंगी।