सुनील वाणी
(सुनील) 7827829555
सरकार द्वारा महंगाई को लेकर बार बार आ रहा यह बयान 'महंगाई का प्रमुख कारण लोगों की आमदनी बढना है', थोडा हास्यास्पद प्रतीत होता है। इसका क्या अर्थ निकाला जाए। क्या वो वेतन वृध्दि के खिलाफ है, या वो बचत के खिलाफ हैं। यदि यह मान भी लिया जाए कि आम आदमी के वेतन में बढोतरी हुई है तो महंगाई के लिहाज से वह कल जहां था आज भी वहीं खडा है। इस महंगाई ने तो बचत करने का अवसर ही छीन लिया। यदि आज के वर्तमान समय की पिछले कुछ वर्षों के साथ तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो क्या आमदनी उस अनुपात में बढी है जिस अनुपात में महंगाई बढी है। रसोई से लेकर शिक्षा तक, मकान किराया से लेकर परिवहन किराया तक सब कुछ बेहिसाब बढ गया है। दूसरी अहम बात यह है कि आमदनी किसकी बढी है, सरकारी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की। वे समय दर समय और विशेष अवसरों पर लाभान्वित होते रहते हैं और सरकार के पास भी इनका सही लेखा-जोखा होता है। लेकिन हम इस बात को क्यों भूल जाते हैं...... शेष पढने के लिए लोगिन करे http://www.sunilvani.blogspot.com/
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सरकार द्वारा महंगाई को लेकर बार बार आ रहा यह बयान 'महंगाई का प्रमुख कारण लोगों की आमदनी बढना है', थोडा हास्यास्पद प्रतीत होता है। इसका क्या अर्थ निकाला जाए। क्या वो वेतन वृध्दि के खिलाफ है, या वो बचत के खिलाफ हैं। यदि यह मान भी लिया जाए कि आम आदमी के वेतन में बढोतरी हुई है तो महंगाई के लिहाज से वह कल जहां था आज भी वहीं खडा है। इस महंगाई ने तो बचत करने का अवसर ही छीन लिया। यदि आज के वर्तमान समय की पिछले कुछ वर्षों के साथ तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो क्या आमदनी उस अनुपात में बढी है जिस अनुपात में महंगाई बढी है। रसोई से लेकर शिक्षा तक, मकान किराया से लेकर परिवहन किराया तक सब कुछ बेहिसाब बढ गया है। दूसरी अहम बात यह है कि आमदनी किसकी बढी है, सरकारी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की। वे समय दर समय और विशेष अवसरों पर लाभान्वित होते रहते हैं और सरकार के पास भी इनका सही लेखा-जोखा होता है। लेकिन हम इस बात को क्यों भूल जाते हैं...... शेष पढने के लिए लोगिन करे http://www.sunilvani.blogspot.com/